Rules Changing From 1st April: यूपीआई ट्रांजैक्शन से लेकर एटीएम चार्ज तक, 1 अप्रैल से बदल रहे हैं ये नियम

Rules Changing From 1st April : 1 अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष 2025-26 शुरू हो रहा है, और इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण बैंकिंग बदलाव (Rules Changing From 1st April) लागू होने जा रहे हैं। ये बदलाव आम लोगों की जेब और वित्तीय योजनाओं पर असर डाल सकते हैं। इसमें बैंकिंग सेवाओं, कराधान, डिजिटल भुगतान, क्रेडिट कार्ड सुविधाओं और जीएसटी से जुड़े कई नए नियम शामिल हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य करदाताओं, वरिष्ठ नागरिकों, उपभोक्ताओं और व्यवसायियों को राहत प्रदान करना और अर्थव्यवस्था को मजबूती देना है।
Rules Changing From 1st April :बदलेंगे ये नियम
ATM से नकदी निकालना होगा महंगा
1 मई 2025 से एटीएम से पैसे निकालना अधिक महंगा हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम इंटरचेंज शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है, जिससे एटीएम का बार-बार उपयोग करने वाले ग्राहकों को अतिरिक्त शुल्क देना होगा। नए नियमों के अनुसार, मुफ्त लेन-देन की निर्धारित सीमा के बाद प्रत्येक निकासी पर 23 रुपये का शुल्क लगेगा, जो पहले 21 रुपये था।
मेट्रो शहरों में ग्राहक एक महीने में अपने बैंक के एटीएम से 5 बार और अन्य बैंकों के एटीएम से 3 बार मुफ्त नकद निकासी कर सकते हैं। इसके बाद प्रत्येक अतिरिक्त निकासी पर शुल्क लागू होगा।
बचत खाता और एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव
कई बैंकों ने 1 अप्रैल से बचत और सावधि जमा (FD) खातों की ब्याज दरों में संशोधन करने की घोषणा की है। यह ब्याज दर खातों में जमा राशि के अनुसार तय की जाएगी। जिन ग्राहकों के खातों में अधिक धनराशि होगी, उन्हें अधिक ब्याज दर का लाभ मिल सकता है।
न्यूनतम बैलेंस नियम होंगे कड़े
बैंक खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने के नियम अब और सख्त होने जा रहे हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और केनरा बैंक सहित कई बैंकों ने शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण इलाकों के लिए अलग-अलग न्यूनतम बैलेंस की आवश्यकता निर्धारित की है।
शहरी क्षेत्रों में: 5,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखना अनिवार्य होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में: 2,000 रुपये का न्यूनतम बैलेंस बनाए रखना आवश्यक होगा।
यदि कोई ग्राहक निर्धारित न्यूनतम बैलेंस नहीं रखता है, तो उसे जुर्माना भरना होगा, जिसकी राशि बैंक और खाता श्रेणी के आधार पर अलग-अलग होगी।
क्रेडिट कार्ड के लाभों में कटौती
1 अप्रैल 2025 से, कुछ लोकप्रिय क्रेडिट कार्डों पर मिलने वाले रिवॉर्ड पॉइंट्स में कटौती की गई है।
सिंपली क्लिक एसबीआई कार्ड: अब स्विगी पर केवल 5 गुना रिवॉर्ड पॉइंट मिलेंगे, जो पहले 10 गुना थे।
एयर इंडिया एसबीआई प्लैटिनम क्रेडिट कार्ड: पहले प्रत्येक 100 रुपये के खर्च पर 15 रिवॉर्ड पॉइंट मिलते थे, जो घटकर 5 रह जाएंगे।
एयर इंडिया एसबीआई सिग्नेचर क्रेडिट कार्ड: पहले 30 रिवॉर्ड पॉइंट मिलते थे, अब केवल 10 मिलेंगे।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक: 31 मार्च 2025 से क्लब विस्तारा क्रेडिट कार्ड के माइलस्टोन बेनेफिट को समाप्त कर देगा।
जीएसटी पंजीकरण नियमों में बदलाव
1 अप्रैल 2025 से, वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN) ने ई-इनवॉइसिंग प्रक्रिया में बदलाव किया है।
अब 10 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक सालाना कारोबार करने वाले व्यवसायों को 30 दिनों के भीतर ई-इनवॉइस पोर्टल पर इनवॉइस अपलोड करना अनिवार्य होगा।
यदि 30 दिनों के भीतर ई-चालान अपलोड नहीं किया गया, तो इसे स्वचालित रूप से अमान्य कर दिया जाएगा।
क्या होगा असर?
इन सभी बदलावों का सीधा प्रभाव आम लोगों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। एटीएम से नकदी निकालने की लागत बढ़ने से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा, जबकि न्यूनतम बैलेंस नियम कड़े होने से ग्राहकों को अपने बैंक खातों में संतुलन बनाए रखना आवश्यक होगा। क्रेडिट कार्ड के लाभों में कटौती से कार्डधारकों को कम रिवॉर्ड मिलेंगे, और जीएसटी प्रक्रिया में बदलाव से व्यापारियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता होगी।
1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले ये नए नियम ग्राहकों और व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। बेहतर वित्तीय प्रबंधन और जागरूकता से इन परिवर्तनों का प्रभाव कम किया जा सकता है।
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