विदेश में नौकरी का झांसा देकर बेचे गए दो भारतीय युवक, 4500-4500 डॅालर में हुआ सौदा, ऐसे खुला राज

आगरा। बेरोजगार युवाओं को विदेश में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वियतनाम, कंबोडिया और लाओस भेजने वाले गिरोह के एक और एजेंट आमिर खान उर्फ सरगुरु को पुलिस ने महाराष्ट्र के रत्नागिरी से गिरफ्तार किया है। बुधवार को उसे आगरा लाकर पूछताछ की जा रही है। पुलिस का कहना है कि आमिर ने अब तक कई युवाओं को भारी रकम लेकर विदेश भेजा और वहां चीनी साइबर ठगों को बेच दिया।
3 से 4 लाख रुपये लेकर भेजे थे युवक
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी आमिर खान ने मलपुरा के एक युवक और कानपुर के दो युवकों से 3 से 4 लाख रुपये लेकर उन्हें बैंकॉक भेजा था। वहां पहुंचने के बाद इन युवकों को चीन के साइबर गिरोह के सरगनाओं को 4500 डॉलर में बेच दिया गया।
इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने इस गिरोह के दो एजेंटों- जय शुक्ला (इंदौर निवासी) और आतिफ खान उर्फ रॉनी (उन्नाव निवासी) — को गिरफ्तार किया था। दोनों पहले मर्चेंट नेवी में नौकरी करते थे और इसी दौरान विदेशों में साइबर ठगी करने वाले चीनी गिरोहों से जुड़े।
कंबोडिया में बैठा था आतिफ खान, भारत से बुलाता था युवक
पुलिस के अनुसार, आतिफ खान कंबोडिया में रहकर भारत के एजेंटों के जरिये बेरोजगार युवकों को बुलाता था। इसके बदले में चीनी सरगना उसे 3500 से 4500 डॉलर तक देते थे। वहीं, जय शुक्ला पंजाब के एजेंटों की मदद से युवकों को विदेश भेजता था।
विदेश मंत्रालय को कई भारतीय युवाओं ने मदद के लिए गुहार लगाई थी, जिसके बाद कुछ को रेस्क्यू कर भारत वापस लाया गया।
22 युवकों से पूछताछ में खुला राज
गृह मंत्रालय ने विदेशों में जाकर लौटे 22 युवकों की रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस जांच में इनमें से 6 से अधिक युवाओं ने यह खुलासा किया कि उन्हें विदेश में साइबर ठगी करने वाले गिरोहों के हाथों बेच दिया गया था। इन्हीं में मलपुरा के सौरभ, अभिज्ञान और अखिल नाम के युवक भी शामिल थे। इनकी गवाही के बाद पुलिस ने एजेंटों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया।
रत्नागिरी से लाया गया आमिर
पुलिस टीम ने बुधवार को रत्नागिरी (महाराष्ट्र) से आमिर खान को ट्रांजिट रिमांड पर आगरा लाया। पूछताछ में आमिर ने बताया कि वह स्नातक पास है और ठेकेदारी करता था। युवकों को नौकरी के नाम पर विदेश भेजकर ठगना उसका काम था।
वह न केवल भारत से युवाओं से 4.50 लाख रुपये वसूलता था, बल्कि वहां पहुंचने के बाद साइबर गिरोह के सरगनाओं से 4500 डॉलर तक वसूलता था। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है।
साढ़े चार लाख रुपये देकर विदेश पहुंचा, बना बंधक
मलपुरा निवासी अखिल ने पुलिस को बताया कि उसने 2024 में कंबोडिया जाने का फैसला किया था। उसे 5000 डॉलर प्रतिमाह की नौकरी का वादा किया गया था, जिसके लिए एजेंट ने 4.50 लाख रुपये मांगे। अखिल ने बताया, “मैंने कर्ज लेकर पैसे दिए। परिवार खुश था कि अब मैं विदेश जाकर कुछ कर दिखाऊंगा, लेकिन वहां पहुंचते ही पता चला कि यह सब ठगी थी।”
बैंकॉक एयरपोर्ट पर उसे एक टैक्सी चालक मिला, जिसने कहा कि “पहली कंपनी में जगह भर चुकी है, अब दूसरी जगह चलना होगा।” इसके बाद उसे कंबोडिया ले जाकर चीनी साइबर ठगों के हवाले कर दिया गया। वहां वह दो हफ्ते तक बंधक रहा और मजबूर होकर भारतीय दूतावास से मदद मांगी। मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अखिल और उसके दो साथी इमरान व समीर को रेस्क्यू कर भारत वापस लाया गया।
देशभर के 50 से ज्यादा युवाओं को बेच चुके थे एजेंट
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह अब तक देशभर के 50 से अधिक बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजकर साइबर गिरोहों को बेच चुका है। पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है।
3 से 4 लाख रुपये लेकर भेजे थे युवक
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी आमिर खान ने मलपुरा के एक युवक और कानपुर के दो युवकों से 3 से 4 लाख रुपये लेकर उन्हें बैंकॉक भेजा था। वहां पहुंचने के बाद इन युवकों को चीन के साइबर गिरोह के सरगनाओं को 4500 डॉलर में बेच दिया गया।
इससे पहले मंगलवार को पुलिस ने इस गिरोह के दो एजेंटों- जय शुक्ला (इंदौर निवासी) और आतिफ खान उर्फ रॉनी (उन्नाव निवासी) — को गिरफ्तार किया था। दोनों पहले मर्चेंट नेवी में नौकरी करते थे और इसी दौरान विदेशों में साइबर ठगी करने वाले चीनी गिरोहों से जुड़े।
कंबोडिया में बैठा था आतिफ खान, भारत से बुलाता था युवक
पुलिस के अनुसार, आतिफ खान कंबोडिया में रहकर भारत के एजेंटों के जरिये बेरोजगार युवकों को बुलाता था। इसके बदले में चीनी सरगना उसे 3500 से 4500 डॉलर तक देते थे। वहीं, जय शुक्ला पंजाब के एजेंटों की मदद से युवकों को विदेश भेजता था।
विदेश मंत्रालय को कई भारतीय युवाओं ने मदद के लिए गुहार लगाई थी, जिसके बाद कुछ को रेस्क्यू कर भारत वापस लाया गया।
22 युवकों से पूछताछ में खुला राज
गृह मंत्रालय ने विदेशों में जाकर लौटे 22 युवकों की रिपोर्ट मांगी थी। पुलिस जांच में इनमें से 6 से अधिक युवाओं ने यह खुलासा किया कि उन्हें विदेश में साइबर ठगी करने वाले गिरोहों के हाथों बेच दिया गया था। इन्हीं में मलपुरा के सौरभ, अभिज्ञान और अखिल नाम के युवक भी शामिल थे। इनकी गवाही के बाद पुलिस ने एजेंटों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया।
रत्नागिरी से लाया गया आमिर
पुलिस टीम ने बुधवार को रत्नागिरी (महाराष्ट्र) से आमिर खान को ट्रांजिट रिमांड पर आगरा लाया। पूछताछ में आमिर ने बताया कि वह स्नातक पास है और ठेकेदारी करता था। युवकों को नौकरी के नाम पर विदेश भेजकर ठगना उसका काम था।
वह न केवल भारत से युवाओं से 4.50 लाख रुपये वसूलता था, बल्कि वहां पहुंचने के बाद साइबर गिरोह के सरगनाओं से 4500 डॉलर तक वसूलता था। पुलिस को उम्मीद है कि पूछताछ में गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में अहम जानकारी मिल सकती है।
साढ़े चार लाख रुपये देकर विदेश पहुंचा, बना बंधक
मलपुरा निवासी अखिल ने पुलिस को बताया कि उसने 2024 में कंबोडिया जाने का फैसला किया था। उसे 5000 डॉलर प्रतिमाह की नौकरी का वादा किया गया था, जिसके लिए एजेंट ने 4.50 लाख रुपये मांगे। अखिल ने बताया, “मैंने कर्ज लेकर पैसे दिए। परिवार खुश था कि अब मैं विदेश जाकर कुछ कर दिखाऊंगा, लेकिन वहां पहुंचते ही पता चला कि यह सब ठगी थी।”
बैंकॉक एयरपोर्ट पर उसे एक टैक्सी चालक मिला, जिसने कहा कि “पहली कंपनी में जगह भर चुकी है, अब दूसरी जगह चलना होगा।” इसके बाद उसे कंबोडिया ले जाकर चीनी साइबर ठगों के हवाले कर दिया गया। वहां वह दो हफ्ते तक बंधक रहा और मजबूर होकर भारतीय दूतावास से मदद मांगी। मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद अखिल और उसके दो साथी इमरान व समीर को रेस्क्यू कर भारत वापस लाया गया।
देशभर के 50 से ज्यादा युवाओं को बेच चुके थे एजेंट
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह अब तक देशभर के 50 से अधिक बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजकर साइबर गिरोहों को बेच चुका है। पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क और विदेशी कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है।
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