UP-STF को मिली बड़ी सफलता, बांग्लादेश तक कोडीन सिरप की तस्करी करने वाले 2 भाईयों को लखनऊ से किया अरेस्ट

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने कोडीन युक्त कफ सिरप की तस्करी करने वाले बड़े सिंडिकेट का पर्दाफाश करते हुए गुरुवार को लखनऊ के आलमबाग इलाके से दो अहम आरोपियों, अभिषेक शर्मा और उसके भाई शुभम को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सहारनपुर के रहने वाले हैं। उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन और कई फर्जी फर्मों से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
फैंसीडिल तस्करी रैकेट से जुड़े थे दोनों भाई
अभिषेक और शुभम नई दिल्ली में एबॉट कंपनी के सुपर डिस्ट्रीब्यूटर के रूप में काम कर रहे थे। जांच में सामने आया कि दोनों सहारनपुर के कुख्यात फैंसीडिल तस्करी रैकेट विभोर राणा और विशाल के सिंडिकेट से जुड़े थे। अभिषेक 2019 से जीआर ट्रेडिंग फर्म में काम कर रहा था, जहां से वह शुरुआती दौर में लोडिंग-अनलोडिंग का काम संभालता था।
फर्जी फर्मों के जरिए होती थी तस्करी
एसटीएफ की पूछताछ में अभिषेक ने खुलासा किया कि विभोर और विशाल एबॉट कंपनी की फैंसीडिल कफ सिरप मंगाकर फर्जी फर्मों के माध्यम से खरीद-बिक्री दिखाते थे। इसके बाद यह सिरप बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजा जाता था।
इस फर्जीवाड़े में चार्टर्ड अकाउंटेंट अरुण सिंघल की बड़ी भूमिका सामने आई है, जिसने बिट्टू और सचिन जैसे सहयोगियों के नाम पर भी कई बोगस फर्में खोली थीं।
65 फर्जी फर्मों का नेटवर्क
जांच में खुलासा हुआ कि करीब 65 फर्जी फर्मों के जरिए फैंसीडिल सिरप की कालाबाजारी की जा रही थी।
सचिन मेडिकोज, मारुति मेडिकोज जैसी फर्मों के नाम पर कागजों में माल की आवाजाही दिखाई जाती थी, जबकि असल सिरप मारुति मेडिकोज के गोदाम में ही जमा रहता था।
कंपनी अधिकारियों से मिलीभगत
आरोपियों ने एबॉट कंपनी के कुछ अधिकारियों से मिलीभगत कर बीएन फार्मास्युटिकल्स के लाइसेंस पर सहारनपुर का सीएफए हासिल कर लिया था। इसके बाद जनवरी 2024 में मारुति मेडिकोज को उत्तराखंड का सुपर डिस्ट्रीब्यूटर बना दिया गया। सभी बिलों पर 'सचिन कुमार' के नाम से अभिषेक साइन करता था।
दिल्ली में फर्जी ‘AV फार्मास्युटिकल्स’ का इस्तेमाल
दिल्ली में अभिषेक के नाम पर एक और फर्जी कंपनी—AV फार्मास्युटिकल्स—खोली गई, जिसे सौरभ त्यागी और पप्पन यादव संचालित करते थे। यहीं से तस्करी का सामान आगरा, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर और लखनऊ के जरिए मालदा, त्रिपुरा और आगे बांग्लादेश तक भेजा जाता था।
ई-वे बिल से खुला राज
अप्रैल 2024 में एसटीएफ ने मारुति मेडिकोज और AV फार्मास्युटिकल्स से भेजी गई बड़ी खेप सीतापुर मार्ग पर पकड़ ली। इसके बाद कंपनी ने फैंसीडिल की सप्लाई रोककर पूरा स्टॉक वापस बुला लिया था। गिरोह फिर ऑनेरेक्स और स्कैफ कफ सिरप की तस्करी में जुट गया।
पहले से फरार थे दोनों भाई
11 नवंबर 2025 को विशाल सिंह, विभोर राणा, सचिन और बिट्टू की गिरफ्तारी के बाद अभिषेक और शुभम अपना मोबाइल बंद कर अंबाला में छिप गए थे।
एसटीएफ अब उनसे गिरोह के अन्य सदस्यों व कंपनी अधिकारियों की भूमिका पर भी पूछताछ कर रही है।
अमेरिका जाना चाहता था शुभम
शुभम इंटर तक पढ़ाई कर 2017 में दुबई चला गया था और डीपीडब्ल्यू (दुबई पोर्ट वर्ल्ड) में पोर्ट ऑपरेशनल ऑफिसर के पद पर काम करता था। उसका सपना था कि वह अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया में सेटल हो, लेकिन भारत लौटने पर अभिषेक ने उसे इस रैकेट में शामिल कर लिया।
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