Chaitra Navratri 2025: दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें किस भोग और मंत्र से मां दूर करती हैं सारे दोष

Chaitra Navratri 2025 : चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी (Brahmcharini Devi) की आराधना की जाती है। यह दिन साधकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति के तप और आत्मसंयम की शक्ति में वृद्धि होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन माता की उपासना करने से भक्त को जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता की प्राप्ति होती है।
Chaitra Navratri 2025 : मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप
माता ब्रह्मचारिणी का स्वरूप अत्यंत सौम्य और करुणामयी है। वे श्वेत वस्त्र धारण करती हैं और उनके एक हाथ में जप माला तथा दूसरे हाथ में कमंडल रहता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को ज्ञान, तप और संयम का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मां ब्रह्मचारिणी की आराधना का फल
नवरात्रि के इस दिन भक्त अपने मन को स्वाधिष्ठान चक्र में स्थिर कर माता की कृपा प्राप्त करते हैं। माता की आराधना से जीवन के संघर्षों का सामना करने की शक्ति मिलती है और व्यक्ति अपने मार्ग से विचलित नहीं होता। उनकी कृपा से साधक को सर्वत्र सिद्धि और विजय प्राप्त होती है।
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि और आराधना मंत्र
माता ब्रह्मचारिणी का ध्यान करते हुए उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं।
माता को सुंदर वस्त्र पहनाकर चुनरी अर्पित करें।
फूल, अक्षत, कुमकुम, सिंदूर अर्पित करें।
सफेद और सुगंधित फूल, कमल या गुड़हल के फूल माता को अर्पित करें।
मिश्री या सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
माता की कपूर से आरती करें और हाथ में एक पुष्प लेकर उनका ध्यान करें।
नवरात्रि 2025 का शुभ मुहूर्त
इस वर्ष चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) विशेष शुभ योग में प्रारंभ हुई है। भक्तों को शुभ मुहूर्त में माता की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा कर भक्त जीवन में सफलता, धैर्य और आत्मसंयम प्राप्त कर सकते हैं।
नवरात्रि के इस पावन पर्व पर माता ब्रह्मचारिणी की कृपा से सभी भक्तों का जीवन सुख-समृद्धि से भर जाए, ऐसी कामना की जाती है।
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