फोर्टिस आनंदपुर के डॉक्टरों ने किया कमाल: 12 घंटे की सर्जरी में म्यांमार की महिला के दिमाग से निकाला नींबू के आकार का ट्यूमर

इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व डॉ. जी. आर. विजय कुमार, निदेशक (न्यूरोसर्जरी), फोर्टिस आनंदपुर ने किया। डॉक्टरों के मुताबिक, ट्यूमर मस्तिष्क के उन हिस्सों के बेहद पास था जो दृष्टि और शरीर की गति को नियंत्रित करते हैं। इस वजह से ऑपरेशन के दौरान थोड़ी सी भी गलती मरीज की आंखों की रोशनी या शरीर की गतिशीलता पर स्थायी असर डाल सकती थी।
मरीज की हालत और बीमारी
महिला पिछले चार महीनों से भयंकर सिरदर्द, संतुलन खोने और दृष्टि कमजोर होने जैसी परेशानियों से जूझ रही थी। जब वह कोलकाता पहुंची, तब उसकी बाईं आंख की रोशनी पूरी तरह जा चुकी थी और शरीर के दाहिने हिस्से में कमजोरी थी।
जांच में डॉक्टरों को पता चला कि उसके दिमाग में क्लिनॉइडल मेनिंजियोमा (Clinoidal Meningioma) नामक एक सौम्य लेकिन विशाल ट्यूमर है, जो दृष्टि तंत्रिका और मुख्य रक्त वाहिकाओं पर दबाव डाल रहा था।
12 घंटे चली सटीक और जोखिमभरी सर्जरी
डॉ. विजय कुमार और उनकी टीम ने मरीज पर क्रैनियोटॉमी और माइक्रोसर्जरी की मदद से ऑपरेशन किया। यह प्रक्रिया लगभग 12 घंटे तक चली। ट्यूमर पूरी तरह मस्तिष्क की नसों और रक्त वाहिकाओं से चिपका हुआ था, जिससे इसे निकालना बेहद मुश्किल था।
फिर भी डॉक्टरों ने बारीकी से काम करते हुए पूरा ट्यूमर बिना किसी न्यूरोलॉजिकल नुकसान के निकालने में सफलता पाई। सर्जरी के बाद मरीज के बोलने, देखने और चलने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ा।
सर्जरी के बाद तेजी से सुधार
ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत लगातार बेहतर हो रही है। वह अब सहारे से चल पा रही है, दृष्टि लौटने लगी है, और हाथ-पैरों में ताकत वापस आ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि आने वाले दिनों में वह पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगी।
डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
डॉ. जी. आर. विजय कुमार ने बताया,“यह हमारे लिए सबसे कठिन ऑपरेशनों में से एक था। ट्यूमर का आकार लगभग 7.7×4.3×5.8 सेंटीमीटर था, जो एक बड़े नींबू के बराबर है। यह मस्तिष्क के उस हिस्से में था जो दृष्टि और मोटर फंक्शन को नियंत्रित करता है। पूरी टीम ने सटीकता और धैर्य के साथ काम किया और मरीज को सुरक्षित बचा लिया, यह हमारे लिए गर्व की बात है।”
वहीं, फोर्टिस हॉस्पिटल आनंदपुर के फैसिलिटी डायरेक्टर, श्री अशोक मुखर्जी ने कहा,“यह सर्जरी इस बात का प्रमाण है कि हमारा अस्पताल जटिल न्यूरोसर्जरी मामलों को उन्नत तकनीक और विशेषज्ञ टीम के साथ संभालने में सक्षम है। अब न सिर्फ भारत के विभिन्न हिस्सों से बल्कि पड़ोसी देशों के मरीज भी फोर्टिस आनंदपुर में भरोसे के साथ इलाज करवाने आ रहे हैं।”