Pakistan Train Hijack: बलूचिस्तान में हाईजैक ट्रेन को छुड़ाने पहुंचे 30 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत, BLA ने दिया 48 घंटे का अल्टीमेटम, कहा - हर घंटे 5 मारेंगे

Pakistan Train Hijack: इस्लामाबाद – पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने क्वेटा से पेशावर जा रही जफर एक्सप्रेस पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया। इस हमले में अब तक 30 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं, जबकि 214 यात्रियों को बंधक बना लिया गया है। बीएलए ने पाकिस्तान सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है और कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो बंधकों की हत्या कर दी जाएगी।
Pakistan Train Hijack: n8 घंटे चली मुठभेड़
बीएलए के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और वायुसेना के साथ लगभग 8 घंटे तक भीषण मुठभेड़ चली। इस दौरान आतंकियों ने सेना को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना को पीछे हटना पड़ा। बीएलए के प्रवक्ता ने कहा कि सभी बंधक "युद्धबंदी" हैं और उनकी अदला-बदली केवल जेल में बंद बलूच नेताओं और जबरन गायब किए गए लोगों से की जाएगी।
पाकिस्तानी सेना ने 13 आतंकियों को मारने का दावा किया
इस हमले के बाद पाकिस्तानी सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की। सेना ने दावा किया कि 13 बलूच लड़ाकों को मार गिराया गया और 80 यात्रियों को छुड़ा लिया गया। हालांकि, बीएलए ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा कि उनके किसी भी लड़ाके को नुकसान नहीं हुआ है।
हमलावरों से निपटने के लिए सरकार का ऑपरेशन जारी
पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि निर्दोष लोगों को मारने वाले आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा, "हम आखिरी आतंकी की मौत तक ऑपरेशन जारी रखेंगे।" बलूचिस्तान सरकार ने पूरे इलाके में आपातकाल लागू कर दिया है और अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
"अगर सेना करीब आई, तो बंधकों को मार देंगे" – बीएलए
बीएलए ने एक बयान जारी कर कहा कि उसके फिदायीन दस्ते "मजीद ब्रिगेड" ने ट्रेन को अपने कब्जे में लिया है। उन्होंने धमकी दी कि अगर पाकिस्तानी सेना ने बंधकों को छुड़ाने की कोशिश की, तो सभी को मार दिया जाएगा। उन्होंने अपने लड़ाकों को "आखिरी सांस तक दुश्मन से लड़ने" का निर्देश दिया है।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान सरकार का नियंत्रण कमजोर
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। यहां की आजादी के लिए लड़ रहे बलूच विद्रोही लगातार सरकार और सेना पर हमले कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि "पाकिस्तान टूटने की कगार पर है और बलूचिस्तान अब सरकार के नियंत्रण से बाहर हो चुका है।"
ट्रेनों पर पहले भी हो चुके हैं हमले
बलूचिस्तान में ट्रेनों को निशाना बनाना कोई नई घटना नहीं है। अक्तूबर में ही डेढ़ महीने बंद रहने के बाद क्वेटा-पेशावर रेल सेवा फिर से शुरू हुई थी। इससे पहले भी इस मार्ग पर रॉकेट और बम धमाकों से कई ट्रेनें उड़ाई जा चुकी हैं। बीएलए ने हमेशा इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
क्या पाकिस्तान बचा पाएगा बंधकों की जान?
इस समय पाकिस्तान सरकार कठिन स्थिति में फंसी हुई है। एक तरफ बीएलए ने 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, तो दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना बंधकों को छुड़ाने के लिए बड़े ऑपरेशन की तैयारी कर रही है। अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तो बंधकों की जान खतरे में पड़ सकती है। अगले 48 घंटे पाकिस्तान के लिए बेहद नाजुक साबित हो सकते हैं।
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