Jaunpur : 1 साल पहले जमा हुए 31 लाख, फिर भी मड़ियाहूं के 33 परिषदीय स्कूलों को नहीं मिली बिजली, भीषण गर्मी से बेहाल बच्चे

Jaunpur News : मडियाहूं विकासखंड के 33 परिषदीय विद्यालयों के छात्र इन दिनों भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं। वजह—बिजली और पंखों की सुविधा का न होना। आश्चर्य की बात यह है कि एक साल पहले 31 लाख 73 हजार 611 रुपये जमा होने के बावजूद इन स्कूलों को अब तक बिजली का कनेक्शन नहीं मिला है।
इनमें से कई विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन बिजली के अभाव में ये सुविधाएं सिर्फ शो-पीस बनकर रह गई हैं। प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में बच्चे पसीने से तर, गर्म दीवारों के बीच बैठने को मजबूर हैं।
विभाग ने जमा कर दी रकम, फिर भी अंधेरे में हैं स्कूल
खंड शिक्षा अधिकारी उदयभान कुशवाहा ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले ही विद्युत विभाग को नियमानुसार ₹31,73,611 का भुगतान कर दिया गया था। बावजूद इसके, 33 स्कूलों में बिजली कनेक्शन अब तक नहीं दिया गया, जिससे यह साफ़ है कि या तो विद्युत विभाग लापरवाह है या फिर जिला प्रशासन उदासीन।
इन स्कूलों में अब तक नहीं पहुंची बिजली
इन विद्यालयों में अभी तक विद्युत कनेक्शन नहीं दिया गया है:
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कंपोजिट विद्यालय सुरतासापुर
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प्राथमिक विद्यालय खजुरहवा
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प्राथमिक विद्यालय परसथ
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प्राथमिक विद्यालय राजापुर प्रथम
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प्राथमिक विद्यालय शेखपुर
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प्राथमिक विद्यालय कटेशर
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प्राथमिक विद्यालय सलारपुर
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प्राथमिक विद्यालय जीयरामऊ
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प्राथमिक विद्यालय गौरा
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प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर
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कंपोजिट विद्यालय जमुआ
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कंपोजिट विद्यालय बरौली
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प्राथमिक विद्यालय रामपुर
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प्राथमिक विद्यालय पिपरा
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प्राथमिक विद्यालय भुभुआर
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प्राथमिक विद्यालय जमालपुर
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प्राथमिक विद्यालय नदियांव
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प्राथमिक विद्यालय सदरपुर
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प्राथमिक विद्यालय डीहा खास
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कंपोजिट विद्यालय रानी पट्टी
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प्राथमिक विद्यालय अजोशी सेकंड
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कंपोजिट विद्यालय उगापुर
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प्राथमिक विद्यालय जगन्नाथपुर
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प्राथमिक विद्यालय रानीपुर
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प्राथमिक विद्यालय भगीरथपुर
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प्राथमिक विद्यालय बेलगहन
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प्राथमिक विद्यालय चकताला
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प्राथमिक विद्यालय टेकारी
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प्राथमिक विद्यालय मनीपुर
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उच्च प्राथमिक विद्यालय गौहर
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प्राथमिक विद्यालय टेकारी (दूसरी सूची में पुनः)
बच्चों की सेहत पर पड़ रहा असर
इस वक्त तापमान 40 डिग्री के पार जा रहा है और ऐसे में बिना पंखे और बिजली के कक्षाओं में बैठना बच्चों की सेहत और पढ़ाई दोनों पर बुरा असर डाल रहा है। स्थानीय लोगों और अभिभावकों में इसको लेकर नाराजगी है।