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जनहित याचिका ने खोल दी पोल : जिस थाने में थे तैनात वहीं दर्ज हुई FIR, थानाध्यक्ष, एसआई, समेत चार पुलिसकर्मी और लेखपाल सस्पेंड

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जौनपुर: सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के मामले में जनहित याचिका दायर करना एक ग्रामीण और उसके वकील को भारी पड़ गया। लेकिन इस याचिका ने पुलिस और राजस्व विभाग की मिलीभगत की परतें भी खोल दीं। नतीजा यह रहा कि उसी थाने में पुलिसकर्मियों पर केस दर्ज हुआ, जहां वे तैनात थे, और चार पुलिसकर्मियों के साथ एक लेखपाल को निलंबन का सामना करना पड़ा।

याचिका से नाराज हुए पुलिसकर्मी, घर में घुसकर की दबिश

बड़ागांव के रहने वाले गौरीशंकर सरोज ने गांव के ही जोखन बिंद पर सरकारी जमीन कब्जा करने की शिकायत की थी। एसडीएम स्तर पर कार्रवाई न होने पर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अधिवक्ता विष्णु कांत तिवारी ने अदालत में याचिका दाखिल की, जो खुद भी उसी गांव के निवासी हैं। हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अवैध कब्जे पर कार्रवाई का निर्देश दिया।

इसके बाद याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस और लेखपाल ने मोर्चा खोल दिया। 17 मई को हल्का लेखपाल विजय शंकर के साथ सिपाही पंकज मौर्य और नितेश गौड़ याचिकाकर्ता के घर पहुंचे और उनके पोते को गिरफ्तार कर लिया। रास्ते में 2000 रुपये लेकर उसे छोड़ दिया गया।

अधिवक्ता पर दबाव, रात में घर पर दी दबिश

इसके बाद अधिवक्ता विष्णु कांत तिवारी को केस से पीछे हटने के लिए कई बार फोन किए गए। पुलिस ने देर रात वकील के घर पर दबिश दी और परिजनों के साथ अभद्रता भी की। यह सारा घटनाक्रम वकील ने 11 जुलाई को हाईकोर्ट में एफिडेविट के माध्यम से प्रस्तुत किया।

कोर्ट की फटकार, पुलिस और लेखपाल पर गिरी गाज

हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जौनपुर के एसपी डॉ. कौस्तुभ को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर दोबारा जांच करने का आदेश दिया। पहले इस केस की जांच कर रहे एएसपी (ग्रामीण) आतिश कुमार सिंह ने बिना तथ्यात्मक जांच किए गलत रिपोर्ट सौंप दी थी, जिस पर कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई।

अब एसपी डॉ. कौस्तुभ ने थानाध्यक्ष दिलीप कुमार सिंह, उपनिरीक्षक इंद्रदेव सिंह, सिपाही पंकज मौर्य और नितेश गौड़ को निलंबित कर दिया है। इनके अलावा हल्का लेखपाल विजय शंकर को भी मछलीशहर एसडीएम ने सस्पेंड कर दिया है।

दर्ज हुआ केस, उसी थाने में जहां तैनात थे आरोपी

इस पूरे मामले में एसपी डॉ. कौस्तुभ ने सख्त कदम उठाते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों- पंकज मौर्य, नितेश गौड़, लेखपाल विजय शंकर और विपक्षी शिव गोविंद बिंद के खिलाफ उसी थाने में केस दर्ज कराया है, जहां यह सब तैनात थे।