स्वदेशी जागरण मंच ने PM मोदी के स्वदेशी उत्पाद अपनाने का समर्थन, सरकार से की ये बड़ी मांग

जौनपुर। स्वदेशी जागरण मंच और स्वावलंबी भारत अभियान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वदेशी उत्पादों को अपनाने के आह्वान का समर्थन करते हुए देशव्यापी अभियान की शुरुआत की है। जौनपुर के जिला समन्वयक डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने काशी में प्रधानमंत्री के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि “स्वदेशी उत्पादों की खरीद और बिक्री भी राष्ट्र की सच्ची सेवा है।”
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि 1991 में स्थापित स्वदेशी जागरण मंच का शुरू से ही यह उद्देश्य रहा है कि देशवासी स्वदेशी को अपनाएं और आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ें। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक परिस्थितियाँ प्रतिकूल हैं, जहाँ बड़ी शक्तियाँ संरक्षणवादी बन चुकी हैं, व्यापार में टैरिफ और गैर-टैरिफ दीवारें खड़ी की जा रही हैं। कुछ देश जैसे चीन, सस्ते उत्पादों की भरमार कर भारतीय विनिर्माण को चोट पहुँचा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे माहौल में आम नागरिक का स्वदेशी के प्रति झुकाव, केवल आर्थिक नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा हुआ निर्णय है। “जब हम स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देते हैं, तो हम अपने कारीगरों, अपने उद्योगों और अपनी संस्कृति को जीवित रखते हैं।
विदेशी सामान और डिजिटल एकाधिकार पर भी जताई चिंता
डॉ. पाण्डेय ने चीनी माल की भरमार और पश्चिमी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे अमेज़न और फ्लिपकार्ट की नीतियों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि ये कंपनियां न केवल पारंपरिक खुदरा व्यापार को खत्म कर रही हैं, बल्कि भारतीय नीतियों को प्रभावित करने की भी कोशिश करती हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा विदेशी विवाहों से परहेज के संदर्भ में कही गई बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि “केवल विदेशी विवाह ही नहीं, बल्कि विदेशी शिक्षा, विदेशी ब्रांड और अनावश्यक आयात पर भी रोक लगाने की ज़रूरत है।” उन्होंने कहा कि देश की विदेशी मुद्रा को संरक्षित करना भी देशभक्ति का कार्य है।
'स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान' की शुरुआत
12 जून 2025 को 'स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान' की शुरुआत के साथ, मंच ने भारत को 'मेक इंडिया ग्रेट अगेन' (MEGA) की दिशा में जागरूकता फैलाने का बीड़ा उठाया है। इस अभियान के तहत व्यापारिक संगठनों, विनिर्माताओं और सामाजिक संस्थाओं को जोड़कर राष्ट्रव्यापी स्तर पर स्वदेशी का संदेश दिया जा रहा है।
डॉ. पाण्डेय ने कोविड-19 काल में भारत द्वारा विकसित वैक्सीन, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता, और डिजिटल भारत अभियान को स्वदेशी प्रयासों के सफल उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया।
सरकार से की ये बड़ी मांगें
स्वदेशी जागरण मंच ने केंद्र सरकार से निम्नलिखित मांगें की हैं:
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चीन और अन्य विरोधी देशों से आयातित उत्पादों पर नियंत्रण लगाया जाए।
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ई-कॉमर्स कंपनियों की एकाधिकारवादी नीतियों को रोका जाए।
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विदेशी कंपनियों द्वारा ‘प्रिडेटरी प्राइसिंग’ और खुद के लेबल वाले उत्पादों की बिक्री पर अंकुश लगे।
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फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स करते समय भारत के दीर्घकालिक हितों की रक्षा की जाए।
नागरिकों से किया गया यह आह्वान
डॉ. मनोज पाण्डेय ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे केवल उपभोक्ता न बनें, बल्कि जागरूक नागरिक के रूप में हर खरीददारी को देश के हित में निर्णय बनाएं। “हर बार जब आप स्वदेशी चुनते हैं, तो आप भारत को मज़बूत करते हैं,” उन्होंने कहा।
स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाया जा रहा ‘स्वदेशी सुरक्षा एवं स्वावलंबन अभियान’ केवल एक आंदोलन नहीं, बल्कि भारत को फिर से महान बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।