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दोस्त की अंतिम यात्रा में जमकर नाचा शख्स! वजह जान कहेंगे OMG, वायरल हो रहा वीडियो

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कहते हैं, सच्चा दोस्त वही होता है जो हर मोड़ पर साथ खड़ा रहे, चाहे वह जिंदगी की राह हो या मौत की अंतिम मंज़िल। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले से आई एक मार्मिक कहानी ने इस कहावत को जीवंत कर दिया है। यहां एक शख्स ने अपने सबसे अच्छे दोस्त की अंतिम विदाई को खुशी में बदलते हुए आंखों में आंसू लेकर नाच कर एक अधूरा वादा पूरा किया।

इस अनोखे पल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। लोग कह रहे हैं— “ऐसी दोस्ती अब बस कहानियों में ही मिलती है।”

जब अंतिम यात्रा बनी दोस्ती का जश्न

वायरल वीडियो में एक व्यक्ति अपने दोस्त की शव यात्रा में ढोल की धुन पर भावुक होकर नाचता नजर आ रहा है। पहली नजर में यह दृश्य असामान्य लग सकता है, लेकिन इसके पीछे एक गहरी भावना और एक दोस्त का दिया हुआ वादा छिपा है।

यह मामला मंदसौर के जवासिया गांव का है, जहां अंबालाल प्रजापत नामक व्यक्ति ने अपने जिगरी दोस्त सोहनलाल जैन को विदाई दी, लेकिन रोते हुए नहीं, बल्कि नाचते-गाते, गले में दर्द और आंखों में आंसुओं के साथ मुस्कराहट लेकर।

तीन साल पुराना वादा जो मौत के बाद निभाया गया

तीन साल पहले जब सोहनलाल को कैंसर का पता चला, तब उन्होंने अपने सबसे करीबी दोस्त अंबालाल को एक हाथ से लिखी चिट्ठी दी थी। इस पत्र में उन्होंने कहा था- “जब मेरी मौत हो जाए, तो मेरी शवयात्रा में कोई आंसू न बहाना। वहां सिर्फ ढोल-नगाड़े हों, खुशियां हों, और मेरी अर्थी को नाचते-गाते विदा करना।”

चिट्ठी पर सोहनलाल के हस्ताक्षर थे। यह चिट्ठी उनकी मृत्यु के बाद परिजनों और गांव वालों को दिखाई गई। सोहनलाल की आखिरी इच्छा जानकर अंबालाल ने वही किया जो एक सच्चा दोस्त करता है- अपने दुख को मुस्कान में छिपाकर, अपने आंसुओं को ताल में मिलाकर, उसने अंतिम विदाई को उत्सव में बदल दिया।

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गांव वालों की आंखें भी भर आईं

जब गांव में शव यात्रा निकली और अंबालाल ढोल की थाप पर नाचते हुए आगे बढ़ा, तो लोग चौंक गए। लेकिन जब उन्हें सोहनलाल की चिट्ठी के बारे में पता चला, तो हर किसी की आंखों में आंसू आ गए। यह सिर्फ एक अंतिम यात्रा नहीं थी, यह था दोस्ती का एक अद्भुत उदाहरण, जिसने सबको यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि सच्चे रिश्ते रोते नहीं, निभाए जाते हैं।

देखें वीडियो