Bharat Bandh: 9 जुलाई को भारत बंद का कहां कितना होगा असर? जानें स्कूल-कॉलेज से लेकर बैंक और बाजार तक क्या-क्या रहेगा बंद

Bharat Band : केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साझा मंच ने बुधवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इस बंद में 25 करोड़ से अधिक मजदूर और कर्मचारी हिस्सा लेंगे, जिससे देशभर में बैंकिंग, परिवहन, डाक और खनन जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर असर देखने को मिलेगा।
क्यों बुलाया गया भारत बंद?
ट्रेड यूनियनों के फोरम ने एक बयान जारी कर कहा है कि पिछले 10 वर्षों से सरकार ने वार्षिक श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं किया, और श्रमिकों के खिलाफ लगातार नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। इन्हीं कारणों से बड़ी संख्या में कामगार आज सड़कों पर उतरे हैं।
हड़ताल से किन-किन सेवाओं पर पड़ेगा असर?
बैंकिंग सेक्टर
हालांकि RBI ने किसी आधिकारिक बंदी का एलान नहीं किया है, लेकिन यूनियन से जुड़े बैंक कर्मियों के हड़ताल में शामिल होने से बैंकिंग सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
राज्य परिवहन
देश के राज्य परिवहन निगमों की सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। यूनियनों का दावा है कि कई क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट ठप रहने की संभावना है।
डाक सेवाएं
भारतीय डाक सेवा पर भी इस हड़ताल का असर पड़ सकता है। रजिस्ट्री, स्पीड पोस्ट और अन्य डाक वितरण कार्यों में देर हो सकती है।
कोयला और फैक्ट्रियां
कोयला और खनन क्षेत्र के मजदूरों की भागीदारी से उत्पादन प्रभावित हो सकता है, जिससे ऊर्जा क्षेत्र की आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।
स्कूल, कॉलेज और बाजार भी प्रभावित
हड़ताल का असर देशभर के शैक्षणिक संस्थानों और बाजारों में भी देखने को मिलेगा। पूरे देश में परिवहन सेवा से जुड़े लोगों के हड़ताल में शामिल होने के कारण बच्चों को स्कूल - कॉलेज आने जाने में परेशानी हो सकती है।
राहुल गांधी और INDIA गठबंधन करेंगे प्रदर्शन
कांग्रेस नेता राहुल गांधी बुधवार को पटना में ट्रेड यूनियन हड़ताल के समर्थन में विरोध मार्च में शामिल होंगे। बिहार कांग्रेस के अनुसार, वह सुबह 9:30 बजे इनकम टैक्स गोलंबर से वीरचंद पटेल पथ होते हुए चुनाव आयोग कार्यालय तक पदयात्रा करेंगे। उनके साथ तेजस्वी यादव समेत INDIA गठबंधन के कई अन्य नेता भी मौजूद रहेंगे।
भारतीय मजदूर संघ ने बनाई दूरी
हालांकि, इस हड़ताल में भारतीय मजदूर संघ (BMS) शामिल नहीं है। संघ के महासचिव रविंद्र हिमते ने बयान जारी कर कहा कि “यह हड़ताल पूरी तरह राजनीतिक प्रेरणा से प्रेरित है और हम इसका समर्थन नहीं करते। हमारी यूनियनें इसमें शामिल नहीं होंगी।”
BMS ने आगे कहा कि उसने नई श्रम संहिताओं (Labor Codes) में से दो को समर्थन दिया है, और वे किसी राजनीतिक विरोध के हिस्सा नहीं बनेंगे।