गर्लफ्रेंड के IPS बनने की मन्नत लिए प्रेमी ने उठाई 121 लीटर गंगाजल की कांवड़, हरिद्वार से शुरू की पैदल यात्रा

सावन का महीना आते ही उत्तर भारत में शिवभक्तों की आस्था चरम पर पहुंच जाती है। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने आराध्य भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं, लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर एक युवक की अनोखी कांवड़ यात्रा खूब सुर्खियां बटोर रही है, जिसमें प्रेम, तपस्या और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला।
गर्लफ्रेंड की सफलता के लिए उठाया 121 लीटर जल
दिल्ली के नरेला इलाके में रहने वाला राहुल इस साल की अपनी कांवड़ यात्रा को एक खास मकसद के साथ पूरा कर रहा है। राहुल ने हरिद्वार से 121 लीटर गंगाजल उठाकर भगवान शिव से प्रार्थना की है कि उसकी प्रेमिका आईपीएस अधिकारी बन जाए। करीब 200 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए राहुल गंगाजल लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहा है।
राहुल ने एक बातचीत में बताया, “ये मेरी चौथी कांवड़ यात्रा है। पिछले साल 101 लीटर जल लेकर आया था, लेकिन इस बार मेरी प्रार्थना और भावनाएं ज्यादा गहरी हैं, इसलिए 121 लीटर जल उठा लिया।”
“जब तक वो आईपीएस नहीं बनती, मैं हर साल करूंगा कांवड़ यात्रा”
राहुल ने बताया कि उसकी प्रेमिका सिविल सेवा की तैयारी कर रही है और उसका सपना आईपीएस बनना है। राहुल ने भावुक होते हुए कहा, “जब तक वो अधिकारी नहीं बनती, मैं हर साल भगवान शिव से उसके लिए कांवड़ लेकर आता रहूंगा। मेरी शादी भी तभी होगी, जब उसका सपना पूरा हो जाएगा।”
सोशल मीडिया पर मिल रही वाहवाही
राहुल की इस श्रद्धा और प्रेम को सोशल मीडिया पर ‘सच्चे प्यार की मिसाल’ बताया जा रहा है। कुछ यूजर्स इसे "शिव भक्ति में लिपटा हुआ प्यार" कह रहे हैं तो कई लोग कह रहे हैं कि ऐसा समर्पण बहुत कम देखने को मिलता है।
अब तक पूरी कर चुका है 150 किलोमीटर यात्रा
हरिद्वार से दिल्ली की दूरी लगभग 220 किलोमीटर है और राहुल अब तक 150 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा पूरी कर चुका है। उसका कहना है कि हर कठिन मोड़ पर उसे शिव की कृपा का अनुभव होता है, जिससे उसे आगे बढ़ने की ताकत मिलती है।
सावन और कांवड़ यात्रा: एक सांस्कृतिक उत्सव
सावन के पावन महीने में उत्तर भारत के पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से लाखों कांवड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश और गौमुख से गंगाजल लेकर आते हैं। कोई डाक कांवड़ में दौड़ता है तो कोई अपनी कांवड़ को विशेष सजावट से सुशोभित करता है। किसी के लिए यह भक्ति का रास्ता होता है, तो किसी के लिए मनोकामना पूरी करने का माध्यम।