Earthquake in Delhi-NCR : एक बार फिर भूकंप के झटकों से हिली दिल्ली, लोग घरों-दफ्तरों से निकले बाहर

Earthquake in Delhi-NCR : राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में शुक्रवार शाम एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, शाम 7 बजकर 49 मिनट 43 सेकेंड पर आए इस भूकंप की तीव्रता 3.7 दर्ज की गई। इसका केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था, जहां से झटके उत्पन्न हुए।
दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और फरीदाबाद सहित एनसीआर के कई क्षेत्रों में जैसे ही धरती हिली, लोग घबराकर घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। हालांकि, इस झटके की तीव्रता हल्की थी और किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।
लगातार दूसरे दिन आया भूकंप
दिल्ली-एनसीआर में ये झटका लगातार दूसरे दिन महसूस किया गया। गुरुवार सुबह 9:04 बजे भी भूकंप के तेज झटके आए थे, जिसकी तीव्रता 4.4 थी। खास बात यह रही कि दोनों दिन भूकंप का एपीसेंटर झज्जर ही रहा।
लगातार दो दिन कंपन महसूस होने से क्षेत्र में चिंता और सतर्कता का माहौल है।
भूकंप आता क्यों है?
पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटें लगातार हिलती रहती हैं। जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं या फिसलती हैं, तो ऊर्जा का दबाव बनता है। यह दबाव अचानक जब मुक्त होता है, तो धरती हिलने लगती है — इसी प्रक्रिया को भूकंप कहते हैं।
रिक्टर स्केल क्या होता है?
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है। इसे 1935 में अमेरिकी वैज्ञानिक चार्ल्स एफ. रिक्टर और बेनो गुटेनबर्ग ने विकसित किया था। इसकी मदद से भूकंप की ताकत को 1 से 9 या उससे ऊपर की संख्या में मापा जाता है।
भूकंप की तीव्रता क्या कहती है?
तीव्रता (रिक्टर स्केल पर) | प्रभाव |
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1.0 – 1.9 | बेहद हल्का, केवल सेंसर्स से पता चलता है |
2.0 – 2.9 | मामूली झटका, महसूस करना मुश्किल |
3.0 – 3.9 | हल्का कंपन, ऐसा लगे जैसे ट्रक पास से गुजरा हो |
4.0 – 4.9 | खिड़कियां हिल सकती हैं, दीवार पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं |
5.0 – 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है, घबराहट संभव |
6.0 – 6.9 | इमारतों की नींव पर असर, दरारें पड़ सकती हैं |
7.0 – 7.9 | गंभीर नुकसान, इमारतें गिर सकती हैं |
8.0 – 8.9 | बड़े पैमाने पर तबाही, समुद्र के पास सुनामी की आशंका |
9.0+ | अत्यंत विनाशकारी, पूरी की पूरी ज़मीन हिल सकती है |
दिल्ली किस भूकंपीय ज़ोन में है?
दिल्ली को सीस्मिक जोन 4 में रखा गया है, जो देश के सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। इसका मतलब है कि यहां मध्यम से तेज़ भूकंप आने की संभावना बनी रहती है।
भूकंप आने पर घबराने की बजाय सावधानी बरतना और सुरक्षा नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। जैसे– फौरन खुले स्थान पर जाएं, लिफ्ट की बजाय सीढ़ी का इस्तेमाल करें, और खिड़की, शीशे या भारी फर्नीचर से दूर रहें।