किसी की कृपा से संसद में नहीं आया...राज्यसभा में किसपर भड़ उठे गृहमंत्री अमित शाह, जानें किसे कह डाली यह बात

राज्यसभा में बुधवार को गृह मंत्रालय के कार्यों पर चर्चा के दौरान तीखी बहस देखने को मिली। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) और टीएमसी सांसद साकेत गोखले (TMC MP Saket Gokhlae) के बीच तीखी नोकझोंक हुई। गोखले ने ईडी और सीबीआई से जुड़े मुद्दे उठाए, जिस पर अमित शाह ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि चर्चा गृह मंत्रालय पर हो रही है, लेकिन वह अलग विषय पर बात कर रहे हैं। फिर भी अगर यह मुद्दा उठाना चाहते हैं तो मुझे भी पूरा जवाब देने का अवसर मिलना चाहिए।
साकेत गोखले के तंज पर अमित शाह का जवाब
साकेत गोखले ने गृह मंत्री की बात पर कटाक्ष करते हुए कहा, "माननीय मंत्री जी बोलने से पहले ही डर गए हैं।" इस पर अमित शाह ने पलटवार करते हुए कहा, "मैं किसी से डरता नहीं हूं, क्योंकि मैं किसी की कृपा पर नहीं बल्कि जनता द्वारा चुने जाने के बाद यहां आया हूं।" उन्होंने आगे कहा कि वह किसी विचारधारा का विरोध कर इस सदन तक नहीं पहुंचे, बल्कि चुनावी जीत के दम पर यहां बैठे हैं।
बंगाल हिंसा पर शाह का बयान
अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्देश पर दर्ज हुए मामलों को टीएमसी गलत तरीके से पेश कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव परिणाम आने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं की चुन-चुन कर हत्या कर दी गई। शाह ने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा, "ये लोग सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को नहीं मानते हैं।"
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने इसका विरोध जताते हुए कहा कि सत्ता पक्ष के नेता अनाप-शनाप बयान दे रहे हैं, लेकिन उनकी पार्टी चुप रह रही है।
साकेत गोखले ने बयान वापस लेने से किया इनकार
सदन में बढ़ते विवाद को देखते हुए राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने साकेत गोखले से कहा कि वे अपना बयान वापस लें। इस पर गोखले ने मना करते हुए कहा, "क्योंकि आपका नाम अमित शाह है, इसका मतलब यह नहीं कि आप तानाशाही करेंगे।" इस बयान पर सत्ता पक्ष ने जमकर हंगामा किया।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे जातिगत टिप्पणी करार दिया और कहा कि इसे संसद की कार्यवाही से हटाया जाए। सभापति धनखड़ ने भी निर्देश दिया कि यह टिप्पणी सदन की रिकॉर्डिंग से हटाई जाएगी।
विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने
बीजेपी नेता किरण रिजिजू ने कहा कि साकेत गोखले ने चर्चा के दौरान कोई ठोस सुझाव नहीं दिया, बल्कि व्यक्तिगत हमले किए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की बहस से राज्यसभा की गरिमा को ठेस पहुंची है।
वहीं, टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने अपने सहयोगी का बचाव करते हुए कहा कि सत्ता पक्ष उनके नेता पर बेवजह सवाल उठा रहा है।
साकेत गोखले ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर गृह मंत्रालय ने अपनी कार्यशैली में सुधार नहीं किया, तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा।
जेपी नड्डा ने गोखले की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने बीजेपी के लिए "तड़ीपार" जैसा शब्द इस्तेमाल किया, जिसे संसद की कार्यवाही से हटाया जाना चाहिए।
इस बहस के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ, जिसके चलते सभापति को बीच-बचाव करना पड़ा और कई विवादित टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाने का आदेश देना पड़ा।
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