ये सबूत हैं, इसका प्रिंट भी निकलवाऊंगा...अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग को बताया झूठा, लगाया ये बड़ा आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के उस बयान पर पलटवार किया, जिसमें विपक्ष के ‘वोट चोरी’ संबंधी आरोपों को गलत बताया गया था।
अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोबाइल पर कुछ डिजिटल रसीदें दिखाते हुए कहा, “ये सबूत हैं, मैं इसका प्रिंटआउट भी ला सकता हूं।” उन्होंने सवाल उठाया कि जब वोट बनवाने की प्रक्रिया है तो वोट कटवाने की भी प्रक्रिया क्यों नहीं मानी जाती।
जाति आधारित बीएलओ पर आपत्ति
सपा प्रमुख ने मांग की कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की नियुक्ति जाति के आधार पर न की जाए। साथ ही कहा कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान अगर किसी जिले का अधिकारी गलत पाया जाए, तो उसे निलंबित किया जाए। अखिलेश ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार आने के बाद से शिकायतों के बावजूद एक भी अधिकारी हटाया नहीं गया, जिससे यह साबित होता है कि चुनाव आयोग सरकार के दबाव में काम कर रहा है।
पिछड़े वर्ग के वोट कटाने का आरोप
अखिलेश यादव ने कहा कि जानबूझकर बिंद, मौर्य, पाल, राठौर जैसी पिछड़ी जातियों के वोट लिस्ट से हटाए जाते हैं। वहीं, दिखाया जाता है कि इन्हें वोट मिल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि बीजेपी चुनाव जीत जाती है, जबकि सच्चाई यह है कि पिछड़ों के वोट बड़ी संख्या में डिलीट कर दिए जाते हैं।
“भाजपा जाए तो सत्यता आए”
एक दिन पहले भी अखिलेश ने ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया था। उन्होंने कहा था कि आयोग यह दावा कर रहा है कि सपा के शपथपत्र उन्हें नहीं मिले, जबकि उनके पास खुद की पावती रसीदें मौजूद हैं। अखिलेश ने कहा कि अगर डिजिटल रसीदें गलत साबित होती हैं तो फिर केवल चुनाव आयोग ही नहीं बल्कि ‘डिजिटल इंडिया’ की विश्वसनीयता भी संदेह के घेरे में आ जाएगी।
सपा अध्यक्ष ने कहा, “हमने 18 हजार शपथपत्र दिए थे वोट डकैती को लेकर, लेकिन आज तक कार्रवाई शून्य रही। बीजेपी हटेगी तभी सच्चाई सामने आएगी।”