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नहीं तो गीला हो जाएगा...सदन में तेजस्वी यादव ने किसे कह दी ये बात? जमकर हुई नोकझोंक

Tejashwi Yadav

बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में गुरुवार को माहौल गर्मा गया जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सत्ता पक्ष पर जमकर निशाना साधा। दोपहर बाद शुरू हुई कार्यवाही में तेजस्वी ने कई मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को घेरा, जिससे सदन में तीखी बहस और हंगामे का माहौल बन गया।

लालू यादव को लेकर बोले तेजस्वी- 'तारीफ करने में क्या जाता?'

तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बिहार दौरे पर टिप्पणी करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री जब बिहार आए तो कहा कि अब रेलवे के इंजन यहीं बनेंगे और विदेश भेजे जाएंगे। लेकिन क्या यह नहीं बताना चाहिए था कि बिहार में रेलवे फैक्ट्री लाने का काम लालू प्रसाद यादव ने किया था? उन्होंने ही रेल पहिए बनाने की फैक्ट्री यहां शुरू कराई। पीएम ने लालू जी का नाम क्यों नहीं लिया?”

बीजेपी विधायकों से तीखी नोकझोंक

तेजस्वी जब सरकार पर हमलावर थे, उसी दौरान बीजेपी विधायक जनक सिंह की टिप्पणी से वे भड़क गए। तेजस्वी ने पलटवार करते हुए कहा, "ज्यादा जोर से बोलोगे तो गीला हो जाएगा।"

इसके बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी तेजस्वी पर तंज कसा और कहा, "जिसका बाप सजायाफ्ता हो, वो बिहार के बारे में क्या बोलेगा?"

सदन में मार्शलों को करना पड़ा हस्तक्षेप

इस तीखी बहस के बाद सदन में हंगामा बढ़ गया। मामला इतना बिगड़ा कि बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी विधायकों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। स्थिति को संभालने के लिए मार्शलों को बीच में आना पड़ा, और विधानसभा की कार्यवाही चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी।

NDA पर हमला – ‘नेशनल दामाद आयोग’

तेजस्वी यादव ने एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) को तंज कसते हुए नया नाम दिया- "एनडीए मतलब नेशनल दामाद आयोग!"

उन्होंने कहा,“चिराग पासवान के जीजा को जगह मिल गई, मांझी के दामाद और अशोक चौधरी के दामाद भी शामिल हो गए, जो आरएसएस कोटे से आए हैं। अब प्रधानमंत्री को परिवारवाद नहीं दिख रहा? बिहार की जनता जानना चाहती है, आगे कौन सा नया कोटा निकलेगा?”

एसआईआर प्रक्रिया पर भी उठाए सवाल

तेजस्वी यादव ने एसआईआर (सोशल इकोनॉमिक रजिस्ट्रेशन) प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हुए कहा,

“यह पूरी प्रक्रिया सिर्फ दिखावा है। लोगों से ऐसे दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जो उनके पास नहीं हैं। बीएलओ सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि 25 दिन में 99% सत्यापन पूरा हो जाएगा – ये कैसे संभव है?”