हाउस नंबर जीरो से लेकर वोट चोरी तक...चुनाव आयोग ने दिया विपक्ष के हर आरोप का जवाब, जानें क्या कहा

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को बिहार की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर उठे विवादों और विपक्ष द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों को सख्ती से खारिज किया। पहली बार इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष है और किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं करता।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में CEC के प्रमुख बिंदु
1. सभी दल बराबर
ज्ञानेश कुमार ने कहा कि हर राजनीतिक दल का पंजीकरण चुनाव आयोग से होता है, ऐसे में आयोग पर पक्षपात के आरोप बिल्कुल निराधार हैं। सभी पार्टियां आयोग की नज़र में समान हैं।
2. बिहार में विशेष पुनरीक्षण क्यों?
पिछले 20 साल से चुनाव प्रक्रिया में बदलाव पर चर्चा हो रही थी। इसी कारण बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया को मंजूरी दी गई।
3. मतदाता और बीएलए की संयुक्त भूमिका
इस प्रक्रिया में 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) की भागीदारी रही, जिन्होंने मतदाताओं के साथ मिलकर पूरी सूची को तैयार किया।
4. पारदर्शिता पर सवाल अनुचित
उन्होंने बताया कि मतदाताओं से लिखित और वीडियो दोनों तरह के प्रमाण लिए गए हैं। इसके बावजूद कुछ राजनीतिक दल हकीकत को नजरअंदाज कर आरोप लगा रहे हैं।
5. 7 करोड़ मतदाता आयोग के साथ
मुख्य चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि जब करोड़ों मतदाता आयोग के साथ खड़े हैं, तो उसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाना सही नहीं है।
6. मतदाताओं की निजता पर चिंता
ज्ञानेश कुमार ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कुछ मतदाताओं की तस्वीरें और निजी जानकारी बिना अनुमति के सार्वजनिक की गईं, जो गलत है।
7. चुनावी प्रक्रिया बेहद पारदर्शी
उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव में 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख बीएलए और 20 लाख पोलिंग एजेंट शामिल रहते हैं। इतनी बड़ी और पारदर्शी प्रक्रिया में "वोट चोरी" संभव ही नहीं।
8. दोहरे मतदान का आरोप बेबुनियाद
कुछ लोगों ने दोहरे मतदान का आरोप लगाया, लेकिन सबूत नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि ऐसे आरोप मतदाताओं और लोकतंत्र दोनों पर प्रहार हैं।
9. मशीन से पढ़ी जाने वाली सूची पर रोक
उन्होंने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 2019 से ही मशीन से पढ़ी जाने वाली मतदाता सूची पर प्रतिबंध है।
10. घरों के नंबर पर सवाल
सीईसी ने एक अहम मुद्दा उठाया – "क्यों देश के करोड़ों लोगों के पते के आगे शून्य (0) लिखा होता है?" इसका कारण यह है कि पंचायत या नगरपालिका ने उनके घर को अभी तक आधिकारिक नंबर नहीं दिया है।