सावधाना! ई-चालान के नाम पर स्कैमर लगा रहे लोगों को चूना, जानिए बचाव के तरीके

मैसेज से शुरू होती है ठगी की कहानी
स्कैमर्स पहले भारतीय मोबाइल नंबर से वाहन चालकों को मैसेज भेजते हैं। यह नंबर सर्च करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से जुड़ा हुआ दिखता है, जिससे लोग आसानी से भरोसा कर लेते हैं। मैसेज में लिखा होता है कि आपके नाम पर ट्रैफिक चालान कटा है। चालान की रकम आमतौर पर कम रखी जाती है और साथ में 24 घंटे की समय-सीमा दी जाती है। समय पर भुगतान न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी जाती है। मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक करते ही यूजर फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाता है।
सरकारी वेबसाइट जैसी दिखती है फर्जी साइट
इन फर्जी वेबसाइटों को बिल्कुल सरकारी पोर्टल की तरह डिजाइन किया गया है। लोगो, रंग और लेआउट सब कुछ असली ई-चालान साइट जैसा होता है। जैसे ही यूजर अपनी गाड़ी का नंबर डालता है, तुरंत एक फर्जी चालान रिकॉर्ड दिखा दिया जाता है। इसके बाद भुगतान के लिए कहा जाता है, जहां सिर्फ क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट का विकल्प दिया जाता है। कार्ड की जानकारी डालते ही पैसा और डाटा सीधे ठगों के पास चला जाता है।
ऐसे स्कैम से कैसे बचें
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किसी भी अनजान नंबर से आए मैसेज में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।
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चालान की जानकारी के लिए केवल आधिकारिक परिवहन वेबसाइट या सरकारी ऐप का ही इस्तेमाल करें।
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अगर कोई वेबसाइट सिर्फ कार्ड से भुगतान का विकल्प दे रही है, तो सतर्क हो जाएं।
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ऐसे संदिग्ध मैसेज को तुरंत साइबर सेल या संबंधित प्लेटफॉर्म पर रिपोर्ट करें।
साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि थोड़ी सी सतर्कता आपको बड़ी आर्थिक ठगी से बचा सकती है। वाहन चालकों को सलाह है कि जल्दबाजी में कोई भी ऑनलाइन भुगतान करने से पहले पूरी जांच जरूर करें।
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