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सेफ नहीं WhatsApp Screen Sharing! मिनटों में खाली हो सकता है बैंक अकाउंट, जानें बचाव के तरीके

WhatsApp Screen Sharing

WhatsApp Screen Sharing : डिजिटल पेमेंट और ऑनलाइन बैंकिंग के दौर में साइबर ठग लगातार नए-नए तरीके खोज रहे हैं। हाल ही में OneCard ने अपने यूज़र्स को एक खतरनाक ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में आगाह किया है जिसे WhatsApp Screen Mirroring Scam कहा जा रहा है। इस धोखाधड़ी में अपराधी लोगों को स्क्रीन शेयर करने के लिए बहला-फुसलाकर उनकी निजी जानकारी जैसे OTP, बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और मैसेज चुरा लेते हैं। इसके बाद पीड़ित आर्थिक नुकसान, बैंक अकाउंट पर कंट्रोल खोने और यहां तक कि पहचान चोरी (Identity Theft) जैसी समस्याओं का शिकार हो सकता है।

यह फ्रॉड कैसे होता है?

  • धोखेबाज खुद को बैंक या किसी फाइनेंशियल संस्था का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं।

  • वे अकाउंट में गड़बड़ी का बहाना बनाकर यूज़र से स्क्रीन शेयरिंग ऑन करने को कहते हैं।

  • WhatsApp वीडियो कॉल या किसी ऐप के जरिए वे पीड़ित की स्क्रीन तक पहुंच बना लेते हैं।

  • जैसे ही यूज़र बैंकिंग ऐप, UPI या पासवर्ड दर्ज करता है, ठग उसे रियल-टाइम में देख लेते हैं और तुरंत लेन-देन कर डालते हैं।

  • कई बार वे मोबाइल में की-लॉगर ऐप भी इंस्टॉल कर देते हैं, जिससे हर टाइप किया गया शब्द, OTP या पासवर्ड उनके पास पहुंच जाता है।

चुराए गए डेटा का इस्तेमाल

एक बार जानकारी हाथ लगते ही ठग इसका इस्तेमाल करके:

  • बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।

  • सोशल मीडिया और UPI अकाउंट पर कंट्रोल पा लेते हैं।

  • पहचान चुरा कर दूसरे वित्तीय अपराध करते हैं।

क्या बैंकिंग ऐप्स सुरक्षित हैं?

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के ज्यादातर बैंकिंग ऐप्स में स्क्रीन कैप्चर ब्लॉक, सिक्योर सेशन और ऑटो टाइमआउट जैसे फीचर्स मौजूद हैं। लेकिन अगर ग्राहक खुद स्क्रीन शेयरिंग की अनुमति दे दें तो सुरक्षा उपायों को आसानी से बायपास किया जा सकता है।

कैसे करें खुद को सुरक्षित?

क्या करें :

  • हमेशा कॉलर की पहचान आधिकारिक नंबर से वेरिफाई करें।

  • सिर्फ भरोसेमंद लोगों के साथ स्क्रीन शेयरिंग करें।

  • मोबाइल में unknown sources से ऐप डाउनलोड करने का विकल्प बंद रखें।

  • संदिग्ध कॉल या नंबर तुरंत ब्लॉक करें और शिकायत cybercrime.gov.in या 1930 हेल्पलाइन पर करें।

  • सभी बैंकिंग और मैसेजिंग ऐप्स में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) चालू करें।

क्या न करें :

  • अनजान कॉल्स का जवाब न दें।

  • स्क्रीन शेयरिंग के दौरान कभी भी UPI, बैंकिंग या वॉलेट ऐप्स का उपयोग न करें।

  • कॉल करने वाले की धमकियों या दबाव में आकर कोई कदम न उठाएं।