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UP पुलिस में 60,244 भर्तियों पर अखिलेश यादव और मायावती ने उठाए सवाल, मांगा योगी सरकार से इस बात का जवाब

Akhilesh

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाल ही में हुई 60,244 कांस्टेबल भर्ती को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने इस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। वहीं, बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने भी इस चयन को 'रूटीन कार्य' बताते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाया है।

अखिलेश का आरोप: भर्ती में कितने PDA?

फर्रुखाबाद दौरे पर पहुंचे अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “इस भर्ती में कितने पीडीए (पर्सनल डिजर्व अलॉटमेंट) हैं, सरकार सूची जारी करे।” उनका इशारा इस ओर था कि क्या वाकई यह चयन निष्पक्ष है या फिर इसमें सिफारिश और जान-पहचान का खेल हुआ है।

मायावती ने बताया दिखावा

इससे पहले मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, “उत्तर प्रदेश में कांस्टेबल की यह भर्ती कोई नई बात नहीं, बल्कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन इसे ऐसे प्रचारित किया गया जैसे कोई ऐतिहासिक काम हुआ हो।” उन्होंने चिंता जताई कि क्या सभी वर्गों को उनका वाजिब हक मिला और चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग कैसी होगी, इस पर सरकार को स्पष्ट करना चाहिए।

एक अन्य पोस्ट में उन्होंने अपनी सरकार के समय की पुलिस भर्ती को याद करते हुए लिखा, “मेरे कार्यकाल में 1.20 लाख पद सृजित कर पारदर्शी तरीके से भर्ती की गई थी, जिसका लाभ सभी वर्गों को समान रूप से मिला था।”

नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में क्या हुआ?

15 जून को लखनऊ के डिफेंस एक्सपो ग्राउंड में आयोजित एक कार्यक्रम में 60,244 नव चयनित कांस्टेबलों को नियुक्ति पत्र बांटे गए। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि युवाओं का चयन पूरी तरह से योग्यता के आधार पर हुआ है – न पैसे की जरूरत पड़ी, न किसी सिफारिश की।

अमित शाह ने दावा किया कि प्रदेश अब दंगा मुक्त हो चुका है और यहां न्याय आधारित शासन चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस भर्ती प्रक्रिया में 48,196 पुरुष और 12,048 महिला अभ्यर्थियों का चयन हुआ है, जो पुलिस विभाग में अपनी सेवाएं देंगे।