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18 घंटे मोबाइल पर पबजी खेलने से बिगड़ी किशोर की मानसिक हालत, खुद को बताने लगा 'फाइटर 2.0', डॉक्टर भी हैरान

Bagpat

UP News : बागपत जनपद के टीकरी कस्बे में एक किशोर की मोबाइल गेम पबजी की लत ने उसकी मानसिक स्थिति पर गंभीर असर डाला है। दिन में 18 घंटे तक लगातार गेम खेलने के कारण वह न सिर्फ अजीब व्यवहार करने लगा, बल्कि खुद की पहचान भी खो बैठा। हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां मनोचिकित्सकों की देखरेख में उसका इलाज शुरू हो गया है।

पबजी की लत ने बदला व्यवहार

टीकरी निवासी एक राजमिस्त्री ने बताया कि उसका बड़ा बेटा कई हफ्तों से पबजी गेम का आदी हो गया था। वह दिन-रात मोबाइल में गेम खेलता और अब उसका व्यवहार असामान्य हो गया है। किशोर कभी अकेले बड़बड़ाता, तो कभी पबजी के पात्रों की तरह हरकतें करने लगता।

नाम पूछने पर भी वह असली नाम की जगह पबजी का कोड नेम "फाइटर 2.0" बताता। कुछ दिनों तक परिवार ने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन जब खाना-पीना और सामान्य बातचीत बंद हो गई, तब परिजन चिंतित हो उठे।

अस्पताल में किया गया भर्ती, डॉक्टर भी हुए हैरान

हालत बिगड़ने पर परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जांच के दौरान किशोर ने डॉक्टरों से भी बात करने से इनकार कर दिया और खुद को पबजी का किरदार बताकर गेम की तरह हरकतें करने लगा। चिकित्सकों ने तुरंत उसे मनोचिकित्सा विभाग में भेजा, जहां उसका इलाज जारी है।

डॉक्टर की चेतावनी – बच्चों को मोबाइल से दूर रखें

जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अजय कुमार ने बताया कि यह कोई एकल मामला नहीं है।
उन्होंने कहा, “आजकल माता-पिता काम में व्यस्त रहते हैं और बच्चों को चुप कराने के लिए मोबाइल थमा देते हैं। शुरुआत में यह सामान्य लगता है, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे गेम्स के आदी हो जाते हैं।”

डॉ. अजय ने चेताया कि पबजी और फायर फाइटर जैसे एक्शन गेम बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालते हैं। ऐसे गेम खेलने वाले किशोर वास्तविक जीवन में भी उन्हीं किरदारों जैसा बर्ताव करने लगते हैं।

समाधान क्या है?

  • छोटे बच्चों को मोबाइल से दूर रखें

  • किशोरों की स्क्रीन टाइम पर नजर रखें

  • बच्चों के व्यवहार में बदलाव दिखे तो तुरंत काउंसलिंग लें

  • परिजनों को बच्चों के साथ समय बिताना चाहिए

निष्कर्ष: पबजी जैसी हिंसक गेम्स की लत गंभीर मानसिक समस्याएं पैदा कर सकती हैं। यह घटना उन सभी अभिभावकों के लिए चेतावनी है जो बच्चों को बेधड़क मोबाइल थमा देते हैं।