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मैं बहुत परेशान हूं, अब और सहन नहीं होता...पिता ने तीन बच्चों को उतारा मौत के घाट, फिर खुद को भी मार ली गोली

मैं बहुत परेशान हूं, अब और सहन नहीं होता...पिता ने तीन बच्चों को उतारा मौत के घाट, फिर खुद को भी मार ली गोली

Bahraich News : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। बुधवार रात एक व्यक्ति ने अपने तीन मासूम बच्चों की हत्या करने के बाद खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस घटना के बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। मृतक की पत्नी अपने मायके गई हुई थी, जिससे उसकी जान बच गई, लेकिन अब वह अपने बच्चों को खोने के बाद गहरे सदमे में है।

हत्या से पहले पिता ने बच्चों के साथ खाया था खाना

मृतक की पत्नी सीमा (32) ने बिलखते हुए बताया कि उसका पति अजय शर्मा (38) बच्चों से बहुत प्यार करता था, लेकिन पिछले कुछ महीनों से वह बेहद चिड़चिड़ा और गुस्सैल हो गया था। आए दिन वह घर में झगड़ा करता था और कई बार आत्महत्या करने की धमकी भी दे चुका था। वारदात वाली रात उसने अपने तीनों बच्चों को खाना खिलाया और फिर उन्हें सुला दिया। आधी रात के बाद उसने पिस्टल से तीनों को गोली मार दी और फिर खुद को भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली।

मैं बहुत परेशान हूं, अब और सहन नहीं होता...पिता ने तीन बच्चों को उतारा मौत के घाट, फिर खुद को भी मार ली गोली

कई महीनों से था मानसिक तनाव में

पुलिस जांच में सामने आया कि अजय पिछले कई महीनों से आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से गुजर रहा था। उसका छोटा सा परचून का व्यवसाय था, लेकिन घाटे में चलने के कारण उसने कर्ज ले रखा था। बढ़ते कर्ज और पारिवारिक कलह के कारण वह अवसाद में चला गया था। परिजनों ने बताया कि वह कई बार कह चुका था कि ‘सबको मारकर खुद भी मर जाऊंगा’।

पत्नी से हो चुका था झगड़ा, मायके गई थी सीमा

घटना से दो दिन पहले अजय का अपनी पत्नी से विवाद हुआ था। सीमा अपने मायके चली गई थी, लेकिन बच्चों को पिता के पास ही छोड़ दिया था। उसने जाते समय छोटे बेटे को गोद में लेने की कोशिश की थी, लेकिन अजय ने उसे यह कहकर वापस भेज दिया कि 'बच्चे यहीं रहेंगे'। सीमा को इस बात का पछतावा है कि अगर वह बच्चों को अपने साथ ले जाती, तो शायद उनकी जान बच जाती।

पोस्टमॉर्टम हाउस पर बेसुध हुई मां, बोली- 'मुझे भी मार दो'

पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंची सीमा अपने बच्चों की लाश देखकर बेसुध हो गई। वह बार-बार चिल्ला रही थी—‘मुझे भी मार दो, मैं कैसे जिंदा रहूंगी? मुझे अब कुछ नहीं चाहिए, मैं भी मर जाऊंगी।’ परिजन और पुलिसकर्मी उसे संभालते रहे, लेकिन वह होश में नहीं आ रही थी।

लिखा था सुसाइड नोट

पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें अजय ने लिखा था "मैं बहुत परेशान हूं। कर्ज बढ़ता जा रहा है, परिवार मुझसे खुश नहीं है। अब और सहन नहीं कर सकता। मैं अपने बच्चों को साथ ले जा रहा हूं ताकि वे भी इस दर्द से बच सकें।"

मंत्री ने किया पीड़ित परिवार की सहायता का ऐलान

घटना की सूचना मिलते ही जिले के एसपी और डीएम मौके पर पहुंचे। राज्य के वित्त मंत्री ने भी पीड़ित परिवार से मुलाकात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि पीड़िता को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए और उसे आर्थिक सहायता दी जाए।

पुलिस कर रही है जांच, परिजन सदमे में

पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अजय के करीबी लोगों से पूछताछ कर रही है। वहीं, सीमा के परिवार वाले इस घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं। अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या अजय की मानसिक स्थिति को समय रहते संभाला जा सकता था? अगर उसे सही समय पर मदद मिलती, तो क्या यह त्रासदी टल सकती थी?