UP में अब कार और बाइक खरीदना होगा महंगा, टैक्स दरों में हुआ बदलाव

UP News : उत्तर प्रदेश सरकार के हालिया कैबिनेट निर्णय के चलते अब प्रदेश में वाहन खरीदना पहले से महंगा हो गया है। सरकार ने रोड टैक्स में एक प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, जिससे दोपहिया और चारपहिया वाहन खरीदने वालों को अतिरिक्त धनराशि चुकानी पड़ेगी। इस निर्णय से प्रदेश सरकार को हर वर्ष लगभग 412 से 415 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होने का अनुमान है।
नई अधिसूचना के अनुसार, अब तक 10 लाख रुपये से कम मूल्य की गैर-वातानुकूलित (नॉन-एसी) गाड़ियों पर 7% रोड टैक्स लगता था, जो अब 8% हो गया है। वहीं, वातानुकूलित (एसी) गाड़ियों पर 8% के स्थान पर अब 9% टैक्स देना होगा। 10 लाख से अधिक कीमत वाले चारपहिया वाहनों पर टैक्स दर 10% से बढ़कर 11% कर दी गई है। उदाहरण के तौर पर, 10 लाख रुपये की गाड़ी पर अब 10 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। इसी तरह, एक लाख रुपये मूल्य के दोपहिया वाहन पर अब एक हजार रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे।
परिवहन निगम द्वारा परिवहन विभाग के कर ढांचे में बदलाव हेतु उत्तर प्रदेश मोटरयान कराधान अधिनियम 1997 की धारा 4(1) के अंतर्गत पूर्व में जारी अधिसूचनाओं को रद्द कर नवीन अधिसूचना जारी करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि राज्य में निजी हल्के वाहनों पर रोड टैक्स करीब एक दशक बाद बढ़ाया गया है और महाराष्ट्र, राजस्थान जैसे राज्यों की तुलना में यूपी में टैक्स दरें अब भी कम हैं।
नई व्यवस्था के तहत 40 हजार रुपये से कम कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वे पहले की तरह 7% टैक्स के दायरे में ही रहेंगे। लेकिन 40 हजार से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहनों पर अब 1% अधिक टैक्स देना होगा।
भारी माल वाहक वाहनों के लिए सरकार ने एक बड़ी राहत की घोषणा की है। 7.50 टन से अधिक भार वाले वाहनों को अब तिमाही टैक्स नहीं देना पड़ेगा, बल्कि वे खरीद के समय ही एकमुश्त टैक्स अदा कर सकेंगे। इस श्रेणी में टैक्स दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए सरकार पहले से ही टैक्स में छूट दे रही है, जिससे विभाग को करीब एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। ऐसे में रोड टैक्स में वृद्धि से इस नुकसान की आंशिक भरपाई की जाएगी।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल लगभग 4.82 करोड़ वाहन पंजीकृत हैं और हर साल लगभग 30 से 32 लाख नए वाहन जुड़ते हैं। चालान और शमन शुल्क के जरिए विभाग को सालाना लगभग 165.74 करोड़ रुपये की आय होती है। इस नई टैक्स नीति से सरकार को राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
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