प्रदेश में अनावश्यक बिजली कटौती पर CM योगी की अफसरों को फटकार, दी चेतावनी, कहा- अब बहाने नहीं चलेंगे...

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में बढ़ती बिजली कटौती की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। शुक्रवार दोपहर हुई समीक्षा बैठक में उन्होंने दो टूक कहा कि प्रदेश में न बिजली की कमी है, न पैसे या संसाधनों की फिर भी अगर बिना वजह बिजली कटेगी, तो जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली अब केवल एक सेवा नहीं, बल्कि जनता की बुनियादी ज़रूरत और भरोसे का विषय है। ऐसे में पूरे प्रदेश में निर्बाध और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जून में रिकॉर्ड डिमांड, फिर भी क्यों हो रही दिक्कत?
सीएम योगी ने बताया कि जून 2025 में प्रदेश ने 31,486 मेगावाट की बिजली मांग सफलतापूर्वक पूरी की, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। ऐसे में फील्ड स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।
उन्होंने सभी बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से जवाबदेही तय करने को कहा और बिलिंग प्रणाली में पारदर्शिता लाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि हर उपभोक्ता को समय पर सही बिजली बिल मिले और किसी तरह की फर्जी बिलिंग न हो।
लाइन लॉस घटाएं, ट्रांसफॉर्मर अपग्रेड करें
मुख्यमंत्री ने सभी डिस्कॉम से यह भी कहा कि लाइन लॉस को कम करने के लिए ठोस कदम उठाएं। ट्रांसफॉर्मर की क्षमता बढ़ाएं और तकनीकी सुधारों को प्राथमिकता दी जाए ताकि ट्रिपिंग और ओवरलोड जैसी समस्याएं न आएं।
स्मार्ट मीटर और सौर ऊर्जा पर जोर
मुख्यमंत्री योगी ने स्मार्ट मीटरिंग को ब्लॉक स्तर तक ले जाने का निर्देश देते हुए कहा कि घाटमपुर, खुर्जा, पनकी और मेजा जैसी परियोजनाओं से प्रदेश की बिजली उत्पादन क्षमता 16,000 मेगावाट से भी ज्यादा हो जाएगी।
उन्होंने खासतौर पर कृषि फीडरों को जल्दी अलग करने और सभी ट्यूबवेलों को सौर ऊर्जा से जोड़ने पर जोर दिया ताकि किसानों को भी स्थायी और सस्ती बिजली मिल सके।