कन्नौज रेलवे स्टेशन हादसा: जांच के लिए कमेटी का गठन,रेलवे ने किया मुआवजे का ऐलान

कन्नौज रेलवे स्टेशन (Kannauj Railway Station) पर निर्माण कार्य के दौरान शनिवार दोपहर बड़ा हादसा हो गया। अमृत भारत योजना के तहत हो रहे निर्माण में 150 फीट लंबा लिंटर ढहने से 40 से अधिक मजदूर मलबे में दब गए। सात मजदूरों की हालत गंभीर है, जिनमें तीन को लखनऊ रेफर किया गया है। घटना के बाद ठेकेदार मौके से फरार हो गया। वहीं इस मामले में जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है और रेलवे की ओर से घायलों को मुआवजे की घोषणा की गई है।
मुआवजे की घोषणा
उत्तर पूर्व रेलवे (NER) की ओर से हादसे में घायल हुए लोगों के लिए मुआवजे की घोषणा की गई है। गंभीर रूप से घायल लोगों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी।
हादसे की मुख्य वजहें
- इंजीनियरों की गैरमौजूदगी: निर्माण के दौरान न तो साइट इंजीनियर मौजूद था और न ही रेलवे का डिज़ाइन इंजीनियर।
- कमजोर शटरिंग: शटरिंग में लोहे के मजबूत गर्डर का इस्तेमाल नहीं किया गया, जिससे कंक्रीट का भार सहन नहीं हुआ।
- संदिग्ध निर्माण सामग्री: मजदूरों ने आरोप लगाया कि शटरिंग और लिंटर की गुणवत्ता में कमी थी। रेलवे अधिकारियों ने सामग्री के नमूने लेकर जांच शुरू की है।
राहत और बचाव में देरी
हादसे के बाद राहत कार्य में एनडीआरएफ की टीम को पहुंचने में चार घंटे लग गए। इससे पहले नगर पालिका के कर्मियों से मलबा हटवाया गया, लेकिन उनके पास पर्याप्त उपकरण और अनुभव नहीं था।
रेल मंत्री का बयान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और जांच के लिए चार सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित की है।
स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने बताया कि हादसे की प्रशासनिक स्तर पर भी जांच कराई जाएगी। कानपुर मंडलायुक्त और डीआईजी ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया।
अमृत भारत योजना पर सवाल
₹13.50 करोड़ की लागत से हो रहे निर्माण कार्य में सुरक्षा मानकों की अनदेखी ने सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद से निर्माण कंपनी और ठेकेदार की लापरवाही चर्चा में है।
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