अयोध्या सीमा पर श्रद्धालुओं का हंगामा: नौ घंटे जाम में फंसे, चाय-पानी को तरसे, बाद में प्रशासन ने दी राहत

अयोध्या। प्रयागराज महाकुंभ से लौटकर अयोध्या दर्शन के लिए आ रहे श्रद्धालुओं को रविवार को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। प्रशासन द्वारा किए गए रूट डायवर्जन के कारण हजारों श्रद्धालु अयोध्या की सीमा पर घंटों जाम में फंसे रहे। चाय-पानी तक की सुविधा न मिलने से श्रद्धालु बेहाल हो गए। जब उन्होंने प्रदर्शन किया, तब जाकर प्रशासन हरकत में आया और स्थिति को नियंत्रित किया।
सुबह से ही अयोध्या सीमा पर फंसी बसें
कर्नाटक, उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालु महाकुंभ में स्नान कर अयोध्या आ रहे थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने अयोध्या सीमा पर स्थित कूरेभार मोड़ पर बसों को रोक दिया। सुबह पांच बजे से ही वहां लंबी कतारें लग गईं और करीब दो किलोमीटर लंबा जाम लग गया।
प्रशासन की लापरवाही पर श्रद्धालुओं का हंगामा
घंटों तक इंतजार के बाद भी जब कोई समाधान नहीं निकला तो श्रद्धालुओं ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख प्रशासन की नींद खुली। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर क्षेत्राधिकारी मिल्कीपुर श्रीयश त्रिपाठी और थाना प्रभारी कुमारगंज अमरजीत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने श्रद्धालुओं को शांत कराया और वाहनों को क्रमबद्ध तरीके से अयोध्या में प्रवेश दिलाना शुरू किया।
प्यास से बेहाल हुए श्रद्धालु
सुबह से जाम में फंसे श्रद्धालुओं को सबसे ज्यादा दिक्कत पीने के पानी और खाने-पीने की चीजों की हुई। बेंगलुरु की श्रद्धालु पुष्पलता व राजम्मा ने बताया कि सुबह पांच बजे से उनकी गाड़ी वहीं खड़ी थी, लेकिन पानी तक नहीं मिल रहा था। उड़ीसा के श्याम सुंदर अग्रवाल ने भी प्रशासन की अव्यवस्था पर नाराजगी जताई। मलेशिया से आए वविन और सुशीला ने बताया कि वे राम मंदिर के दर्शन के लिए उत्सुक थे, लेकिन जाम में फंसकर परेशानी झेलनी पड़ी।
प्रशासन की व्यवस्था पर उठे सवाल
श्रद्धालुओं की इस समस्या ने प्रशासन की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने के बावजूद बुनियादी सुविधाओं की कमी लोगों को परेशान कर रही है। अब सवाल यह है कि जब पहले से इस भीड़ का अनुमान था, तो प्रशासन ने पहले से इंतजाम क्यों नहीं किए?
प्रदर्शन के बाद श्रद्धालुओं को धीरे-धीरे अयोध्या की सीमा में प्रवेश दिया गया, लेकिन इस अव्यवस्था से उनकी धार्मिक यात्रा की शुरुआत कठिनाई भरी रही। प्रशासन को इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए ठोस रणनीति बनानी होगी, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
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