Mahakumbh 2025: महिलाओं के अमृत स्नान की लड़ाई कोर्ट पहुंची, परी अखाड़े ने की यह मांग

Mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ 2025 में महिला संतों के लिए अलग अमृत स्नान (Amrit Snan) की व्यवस्था को लेकर संघर्ष अब न्यायालय तक पहुंच गया है। महिला संत त्रिकाल भवंता द्वारा 2013 में स्थापित किए गए परी अखाड़े ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में याचिका दायर कर सवाल उठाया है कि जब पुरुषों के लिए 13 मान्यता प्राप्त अखाड़े हैं, तो महिलाओं के लिए अलग अखाड़ा और अमृत स्नान क्यों नहीं?
परी अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर जागृति चेतना गिरि ने इसे महिला संतों के अस्तित्व की लड़ाई बताया है। उनका कहना है कि महिला संतों को बराबरी का सम्मान और अधिकार मिलना चाहिए। इस मुद्दे पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने स्पष्ट किया है कि 13 अखाड़ों में महिला संतों का सम्मान है, लेकिन किसी नए अखाड़े को मान्यता नहीं दी जा सकती।
त्रिकाल भवंता और अन्य महिला संतों का कहना है कि परी अखाड़े से जुड़ी हजारों महिला संत अलग अमृत स्नान करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि न्यायालय से उन्हें इस लड़ाई में न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।
महाकुंभ के आयोजन से पहले यह मामला धार्मिक और सामाजिक संतुलन की नई बहस छेड़ रहा है। अब देखना यह होगा कि हाईकोर्ट का फैसला इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाता है।
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