मिल्कीपुर उपचुनाव ने प्रदेश में बढ़ाई सियासी गर्मी, भाजपा के बाद अब सपा में बदलाव का मौसम, बसपा की नई रणनीति

Milkipur By Election: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2025) के बाद बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रदेश के कई जिलाध्यक्षों को बदलने की तैयारी कर रही है, वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मिल्कीपुर उपचुनाव (Milkipur By Election) को लेकर अपनी रणनीति तय करने जा रही है।
सपा में जिलाध्यक्षों में बदलाव की तैयारी
सपा के सूत्रों के अनुसार, पार्टी प्रदेश के 15-20 जिलाध्यक्षों को बदलने पर विचार कर रही है। नई कमेटियों का गठन और जिलाध्यक्षों का चयन कार्यकर्ताओं की सक्रियता के आधार पर किया जाएगा। कुछ जिलाध्यक्षों को विवादों या निष्क्रियता के कारण हटाया जा सकता है। इस बदलाव का उद्देश्य बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करना है, जिससे आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति मजबूत हो सके।
मिल्कीपुर उपचुनाव पर बसपा की नजर
बसपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव (Milkipur By Election) में अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है, लेकिन पार्टी किसे समर्थन देगी, इस पर फैसला बसपा सुप्रीमो मायावती के जन्मदिन (15 जनवरी) के बाद लिया जाएगा। इसके लिए 16 जनवरी को वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सदस्यता अभियान, संगठन विस्तार, और विभिन्न वर्गों को पार्टी से जोड़ने पर चर्चा होगी।
बसपा का जन कल्याणकारी दिवस
मायावती का जन्मदिन पार्टी "जन कल्याणकारी दिवस" के रूप में मनाएगी। इस अवसर पर जिलों में विचार गोष्ठियां आयोजित होंगी और मायावती कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी। साथ ही, दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं होने की संभावना है।
दिल्ली चुनाव में बसपा की सक्रियता
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बसपा अकेले चुनाव लड़ रही है। पार्टी की कमान मायावती ने अपने भतीजे और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को सौंपी है।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बसपा और सपा की यह रणनीति आगामी चुनावों में इन दलों की स्थिति को नई दिशा दे सकती है।
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