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NGT की यूपी सरकार को फटकार, कहा- लंबे चौड़े जवाब नहीं वजह बताएं, संगम का पानी गंदा क्यों?

NGT की यूपी सरकार को फटकार, कहा- लंबे चौड़े जवाब नहीं वजह बताएं, संगम का पानी गंदा क्यों?

नई दिल्ली। प्रयागराज के संगम में प्रदूषित पानी के मुद्दे पर बुधवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में सुनवाई हुई। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की दलीलों पर NGT ने कड़ी नाराजगी जताई। उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (UPPCB) ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि जिस स्थान से पानी का सैंपल लिया गया था, वहां का पानी दूषित था।

CPCB की रिपोर्ट में संगम का पानी नहाने योग्य नहीं

सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने NGT को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें यह कहा गया कि महाकुंभ के दौरान संगम का पानी नहाने योग्य नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, पानी में फेकल कोलीफॉर्म का स्तर नहाने के लिए आवश्यक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया।

यूपी सरकार की दलीलों पर NGT ने जताई नाराजगी

यूपी सरकार की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि CPCB ने अपनी रिपोर्ट के साथ टेस्ट रिपोर्ट संलग्न नहीं की। UPPCB ने भी अपनी जांच रिपोर्ट दाखिल की और अपना पक्ष रखा। इस पर NGT ने सरकार से सवाल किया कि क्या वह CPCB की रिपोर्ट को चुनौती दे रही है?

NGT ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा, "आपने लंबा चौड़ा जवाब दाखिल किया, लेकिन कोलीफॉर्म की स्थिति का कोई उल्लेख नहीं किया गया। रिपोर्ट में गंगा और यमुना की सफाई से जुड़े सभी मानकों की पूरी जानकारी नहीं दी गई है।"

UPPCB की दलील पर NGT ने जताई असहमति

UPPCB ने कोर्ट में दावा किया कि CPCB ने जहां से पानी का सैंपल लिया, वहां पानी प्रदूषित था, जबकि हमारी जांच में पानी साफ मिला। इस पर NGT ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि नदी का पानी साफ और सुरक्षित हो।

NGT ने दिए कड़े निर्देश, 28 फरवरी को अगली सुनवाई

NGT ने निर्देश दिया कि यूपी सरकार CPCB की रिपोर्ट पर कार्रवाई सुनिश्चित करे। साथ ही UPPCB को आदेश दिया गया कि वह गंगा और यमुना नदी के जल की गुणवत्ता पर ताजा रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर पेश करे।

अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी 2025 को होगी। यूपी सरकार की ओर से पेश स्टैंडिंग काउंसिल एडवोकेट अंकित वर्मा ने कहा कि अगली सुनवाई में राज्य सरकार अपना विस्तृत पक्ष रखेगी।