हनुमान जी और महाराजा सुहलदेव पर ओपी राजभर का बड़ा बयान, कहा- नाम भगा देता है बुखार और थकान, मिलती है…

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उन्होंने हनुमान जी और महाराजा सुहेलदेव के बारे में कुछ ऐसे बयान दिए, जो राजनीतिक चर्चा का कारण बने हैं।
सुहेलदेव का नाम बुखार को भगा देता है
ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि जैसे हनुमान जी का नाम लेने से भूत-प्रेत भाग जाते हैं, ठीक वैसे ही महाराजा सुहेलदेव का नाम लेने से बुखार और थकान दूर हो जाती है, और ऊर्जा मिलती है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने खुद कुछ खास नहीं किया, लेकिन महाराजा सुहेलदेव के नाम पर उन्होंने लाखों नेताओं को प्रेरित किया है।
रुपये की कमी नहीं है
राजभर ने अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा कि उनके पास रुपये की कोई कमी नहीं है। उनका कहना था, "मेरे पास 58,000 ग्राम प्रधान, 822 ब्लॉक प्रमुख, और 75 जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, तो फिर रुपये की क्या कमी हो सकती है?" उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, "अगर ये सभी एक-एक हजार रुपये भी दें तो क्या कोई कमी रह जाएगी?" इसके बाद, उन्होंने ग्राम प्रधानों और ब्लॉक प्रमुखों से सहमति भी ली।
हनुमान जी राजभर जाति के थे
इससे पहले दिसंबर 2024 में बलिया में एक सभा को संबोधित करते हुए, ओमप्रकाश राजभर ने भगवान हनुमान को लेकर एक और विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि भगवान हनुमान का जन्म राजभर जाति में हुआ था और उन्होंने ही भगवान राम और लक्ष्मण जी को पाताल लोक से बाहर निकाला था।
उन्होंने दावा किया, "जब अहिरावण ने भगवान राम और लक्ष्मण को पाताल पुरी में बंद कर दिया था, तब हनुमान जी ने ही उन्हें बाहर निकाला था।" राजभर ने यह भी कहा कि आज भी गांव में जब बच्चे झगड़ते हैं, तो बुजुर्ग उन्हें कहते हैं, "तुम हनुमान जी के जैसे बानर हो।"
ओमप्रकाश राजभर के ये बयाने फिर से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गए हैं।
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