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बिजली निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी संघ का विरोध, 50 हजार कर्मियों की नौकरी पर गहराया संकट

बिजली निजीकरण के खिलाफ कर्मचारी संघ का विरोध, 50 हजार कर्मियों की नौकरी पर गहराया संकट

उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ ने बिजली विभाग के निजीकरण के फैसले के खिलाफ तीखा विरोध जताया है। संघ ने आरोप लगाया है कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के निजीकरण से लगभग 50 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी। वहीं, मध्यांचल और पश्चिमांचल निगम में कर्मचारियों की छंटनी पहले ही शुरू हो चुकी है।

संघ के महामंत्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि इस फैसले से प्रभावित परिवारों को गहरा संकट झेलना पड़ेगा। उन्होंने रविवार को कृष्णानगर में आयोजित सभा के दौरान प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति पर चर्चा की।

देवेंद्र पांडेय ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, आगरा को निजी हाथों में सौंपने का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि बिजली उद्योग में सुधार के लिए सार्थक प्रयास किए जाने चाहिए, न कि इसे निजी कंपनियों के हवाले किया जाए।

उन्होंने चेतावनी दी कि इन निगमों के निजीकरण से जहां एक ओर कर्मचारियों की आजीविका प्रभावित होगी, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं को महंगी बिजली के कारण आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा।

कर्मचारी संघ ने प्रबंधन से अपील की है कि वह इस फैसले को वापस ले और बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए उचित कदम उठाए। वहीं, संघ ने आंदोलन की तैयारी करते हुए अन्य संबंधित संग