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Pandit Chhannulal Mishra Death : नहीं रहे पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र, 91 वर्ष की उम्र में हुआ निधन, PM Modi ने जताया शोक

Pandit Chhannulal Mishra Death

Pandit Chhannulal Mishra Death : भारत के प्रख्यात शास्त्रीय गायक और पद्मविभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र का गुरुवार तड़के निधन हो गया। वे 91 वर्ष के थे। सुबह 4:15 बजे उन्होंने अपनी बेटी नम्रता मिश्र के मिर्जापुर स्थित आवास पर अंतिम सांस ली। उनका प्रसिद्ध गीत "खेले मसाने में होली..." आज भी लोगों की जुबां पर है। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार आज शाम काशी के मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा।

पंडित मिश्र के परिवार में चार बेटियां और एक बेटा हैं। उनकी पत्नी और एक बेटी का निधन चार वर्ष पहले हो चुका था। वे पिछले सात महीनों से अस्वस्थ थे और हाल ही में 17 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहे।
11 सितंबर को मिर्जापुर में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रामकृष्ण सेवाश्रम हॉस्पिटल ले जाया गया था, बाद में BHU के सर सुंदरलाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया था कि उन्हें ARDS (Acute Respiratory Distress Syndrome) सहित डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और प्रोस्टेट संबंधी समस्याएं थीं।

जीवन यात्रा और संगीत साधना

3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ जिले के हरिहरपुर गांव में जन्मे छन्नूलाल मिश्र बचपन से ही संगीत साधना में रमे रहे। छह साल की उम्र में उन्होंने अपने पिता बद्री प्रसाद मिश्र से संगीत की शिक्षा शुरू की। नौ वर्ष की आयु में किराना घराने के उस्ताद अब्दुल गनी खान से खयाल गायन सीखा और आगे ठाकुर जयदेव सिंह से मार्गदर्शन प्राप्त किया।

बिहार के मुजफ्फरपुर में संगीत की पढ़ाई के बाद वे लगभग चार दशक पहले वाराणसी आकर बसे। उन्हें खयाल, ठुमरी, भजन, दादरा, कजरी और चैती जैसे गायन रूपों के लिए विशेष रूप से सराहा जाता था।

साल 2021 में कोरोना संक्रमण के दौरान उनकी पत्नी मनोरमा मिश्र और बड़ी बेटी संगीता मिश्र का कुछ ही दिनों के अंतराल में निधन हो गया था। इस गहरे सदमे के बावजूद उन्होंने संगीत साधना का सिलसिला नहीं छोड़ा।

सम्मान और योगदान

पंडित मिश्र ने काशी को अपनी कर्मभूमि बनाया और यहीं से भारतीय संगीत परंपरा को विश्व पटल पर प्रतिष्ठा दिलाई।

  • 2000 – संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

  • 2010 – पद्मभूषण

  • 2021 – पद्मविभूषण सम्मान

साल 2014 में वे वाराणसी लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावक भी रहे थे।

PM मोदी और सीएम योगी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा, “पंडित जी ने जीवन भर भारतीय कला और संस्कृति को समृद्ध किया। उन्होंने शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाया। मुझे हमेशा उनका स्नेह और आशीर्वाद प्राप्त हुआ।"

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी शोक जताते हुए कहा, “आपने अपना पूरा जीवन शास्त्रीय गीत-संगीत को समर्पित कर दिया। आपका गायन आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा।”