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पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया

पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purwanchal University) ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के बीच दूसरा स्थान प्राप्त किया है। साथ ही, इसने भारत में 125वां स्थान हासिल किया है। विश्वविद्यालय का काउंट 2 और शेयर 0.74 दर्ज किया गया है, जो इसकी शोध गुणवत्ता और अकादमिक उत्कृष्टता को दर्शाता है।

यह उपलब्धि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च स्तरीय शोध पत्रों के प्रकाशन के कारण संभव हुई है, जो इसे वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठा दिला रहा है। इस मान्यता से यह स्पष्ट होता है कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक शोध क्षमता लगातार मजबूत हो रही है और इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय शिक्षा जगत में भी देखा जा सकता है।

नेचर इंडेक्स: शोध प्रतिष्ठा का मानक

नेचर इंडेक्स एक प्रतिष्ठित वैश्विक मानक है, जो शोध पत्रों की गुणवत्ता और प्रभाव को मापता है। यह सूचकांक विश्वभर के शिक्षण संस्थानों और शोध केंद्रों द्वारा किए गए शोध कार्यों का आकलन करता है। इसमें मुख्य रूप से दो प्रमुख मेट्रिक्स का उपयोग किया जाता है—

  1. काउंट: किसी संस्थान द्वारा प्रकाशित कुल शोध पत्रों की संख्या।
  2. शेयर: किसी शोध पत्र में उस संस्थान के योगदान का प्रतिशत, विशेष रूप से जब शोध में कई संस्थान शामिल होते हैं।

नेचर इंडेक्स नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है, जो संस्थानों की शोध गुणवत्ता का मूल्यांकन करने में सहायता करता है।

पूर्वांचल विश्वविद्यालय का शोध और नवाचार में योगदान

विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. वंदना सिंह के नेतृत्व में शोध की गुणवत्ता को निरंतर बढ़ावा दिया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान और नवाचार के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। विश्वविद्यालय ने निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में शोध कार्य को सशक्त बनाया है—

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

पर्यावरण एवं चिकित्सा विज्ञान

कंप्यूटर विज्ञान एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता

कृषि विज्ञान एवं सतत विकास

इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ शोध सहयोग को प्रोत्साहित कर रहा है। अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, शोध अनुदान और नवाचार कार्यक्रमों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले शोध को बढ़ावा दिया जा रहा है।

रैंकिंग और वित्तीय सहयोग में मिली महत्वपूर्ण उपलब्धियां

पूर्वांचल विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा A+ ग्रेड प्राप्त हुआ है, जो इसकी उच्च शैक्षणिक गुणवत्ता को दर्शाता है। इसके अलावा, भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) से डीएसटी-पर्स योजना के तहत विश्वविद्यालय को 07 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान भी प्राप्त हुआ है।

कुलपति का दृष्टिकोण

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा, "हमारा लक्ष्य शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और वैज्ञानिक नवाचारों में विश्वविद्यालय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना है। शिक्षकों और शोधार्थियों की कड़ी मेहनत का परिणाम है कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय इस प्रतिष्ठित स्थान पर पहुंचा है। यह पहली बार है जब हमारा विश्वविद्यालय नेचर इंडेक्स में शामिल हुआ है। हम निरंतर प्रयासरत हैं कि आने वाले वर्षों में हमारी रैंकिंग और अधिक बेहतर हो।"

पूर्वांचल विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में इसे एक नई पहचान दिला रही है। विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।