पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विभिन्न मांगों को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन, कुलसचिव का खींचा हाथ, कर्मी का पकड़ा कॅालर

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में गुरुवार को छात्रों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के नेतृत्व में छात्र-छात्राएं प्रशासनिक भवन के मुख्य द्वार पर एकत्र हुए और 28 सूत्रीय मांगों को लेकर धरना, नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया।
छात्रों की मुख्य मांगें और आरोप
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि—
- परिसर में पीने के पानी, शौचालय, बिजली और वाई-फाई जैसी बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
- अंकपत्रों में गड़बड़ी और कार्यों में देरी से छात्र लंबे समय से परेशान हैं।
- कुछ शिक्षकों द्वारा मानसिक उत्पीड़न किया जाता है और विरोध करने पर सेमेस्टर बैक की धमकी दी जाती है।
छात्रों ने मांग की कि—परिसर में स्वच्छता और पानी की उचित व्यवस्था की जाए। सभी शौचालयों की मरम्मत कराई जाए। यूजीसी मानकों के तहत शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। सभी छात्रों के लिए समान यूनिफॉर्म लागू की जाए। प्रशासनिक भवन में ऑनलाइन भुगतान सुविधा शुरू की जाए।
गेट बंद, कर्मचारियों से तीखी बहस
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रशासनिक भवन का मुख्य गेट बंद कर दिया, जिससे कई कर्मचारी अंदर फंस गए। जब कर्मचारी नेता और अधिकारी बाहर निकलने का प्रयास करने लगे तो छात्रों से उनकी तीखी नोकझोंक हो गई। कुलसचिव महेंद्र कुमार और अन्य अधिकारियों ने छात्रों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे कुलपति से मिलने की मांग पर अड़े रहे।
कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार और दलाली के आरोप
छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षकों और कर्मचारियों पर नामांकन के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कुछ कर्मचारी प्रवेश प्रक्रिया में 500 रुपये की दलाली करते हैं।
छात्रों ने कुलपति-कुलसचिव के खिलाफ लगाए नारे
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह, कुलसचिव महेंद्र कुमार और चीफ प्रॉक्टर डॉ. राजकुमार सोनी के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने चीफ प्रॉक्टर को पद से हटाने की मांग भी की।
कुलसचिव का हाथ खींचने की घटना
जब कुलसचिव महेंद्र कुमार प्रदर्शनकारियों को समझाने पहुंचे, तो छात्रों और एबीवीपी कार्यकर्ताओं से उनकी तीखी बहस हो गई। गुस्साए छात्रों ने उनका हाथ पकड़कर खींच लिया। माहौल बिगड़ता देख सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव कर कुलसचिव को वहां से सुरक्षित निकाला।
छात्रों को धमकी- बाहर देख लेंगे
धरना प्रदर्शन के दौरान विश्वविद्यालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह और कर्मचारी प्रमोद सिंह कौशिक गेट खोलने का प्रयास कर रहे थे, तब छात्रों ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान हाथापाई हुई और छात्रों ने प्रमोद सिंह कौशिक का कॉलर पकड़ लिया। इसके जवाब में कौशिक ने छात्रों को बाहर देख लेने की धमकी दी, जिससे विवाद और बढ़ गया। इसी दौरान बायोटेक्नोलॉजी विभाग के एक छात्र ने आत्मदाह की चेतावनी दे दी।
पुलिस बल की तैनाती, अगले दिन कुलपति से मिलने का आश्वासन
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल मौके पर पहुंचा। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने छात्रों को आश्वासन दिया कि कुलपति अगले दिन सुबह 11 बजे उनसे मुलाकात करेंगी और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके बाद दो घंटे बाद छात्रों ने प्रशासनिक भवन का गेट खोला और कामकाज फिर से शुरू हुआ। हालांकि, छात्रों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, छात्रों ने बिना पूर्व सूचना के धरना प्रदर्शन किया। चीफ प्रॉक्टर डॉ. राजकुमार सोनी ने कहा—"नियमों के अनुसार, प्रदर्शन से पहले विश्वविद्यालय प्रशासन को सूचित किया जाना चाहिए था। अब तक छात्रों की ओर से कोई औपचारिक ज्ञापन नहीं मिला है।"
ABVP इकाई के अध्यक्ष शानू सिंह, जिला संयोजक शिवम सिंह, नमन कुमार, सनी मौर्य, राघवेंद्र गिरी, ऋषभ, आकाश पटेल, नीरज यादव, विशाल कुमार सहित अन्य छात्र इस प्रदर्शन में शामिल रहे।
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