1. Home
  2. यूपी

UP : दिवाली से पहले योगी सरकार का बड़ा तोहफा, 5 साल तक के सभी ई-चालान होंगे माफ

CM Yogi

UP News : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दिवाली से पहले नागरिकों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया है। परिवहन विभाग ने साल 2017 से 2021 तक के गैर-कर ई-चालान को बंद करने का फैसला लिया है। अब इन पुराने चालानों को डिजिटल पोर्टल पर “Disposed – Abated” (अगर मामला कोर्ट में लंबित था) और “Closed – Time-Bar” (अगर चालान कार्यालय में लंबित था और समय-सीमा पूरी हो गई थी) की श्रेणी में दिखाया जाएगा।

इसके साथ ही इन चालानों से जुड़े फिटनेस, परमिट, वाहन ट्रांसफर और HSRP (हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट) जैसे सभी अवरोध अपने आप हटा दिए जाएंगे। हालांकि, टैक्स से जुड़े चालान इस राहत में शामिल नहीं हैं।

कितने चालान प्रभावित होंगे?

आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच कुल 30.52 लाख ई-चालान जारी हुए थे। इनमें से 17.59 लाख निपट चुके हैं, जबकि 12.93 लाख लंबित थे। लंबित चालानों में 10.84 लाख कोर्ट में और 1.29 लाख ऑफिस स्तर पर पेंडिंग थे। अब इन सभी चालानों का डिजिटल निस्तारण समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाएगा।

जनता को क्या करना होगा?

यदि आपका चालान 2017–2021 का है और पोर्टल पर अभी भी लंबित या ब्लॉक दिख रहा है, तो एक महीने बाद पोर्टल पर जाकर अपनी स्थिति जांचें।

  • यदि मामला कोर्ट में लंबित था → दिखेगा “Disposed – Abated” और सभी अवरोध हट जाएंगे।

  • यदि चालान कोर्ट में नहीं गया और समय-सीमा निकल चुकी है → दिखेगा “Closed – Time-Bar (Non-Tax)” और संबंधित ब्लॉक हट जाएंगे।

टैक्स से जुड़े मामलों में यह राहत लागू नहीं होगी। मदद के लिए नागरिक हेल्पलाइन 149 या नजदीकी RTO/ARTO कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।

क्यों जरूरी था यह फैसला?

इस पहल के तहत केवल वे चालान माफ किए जाएंगे जो 31 दिसंबर 2021 तक कोर्ट में लंबित थे। वहीं, जो चालान कभी कोर्ट नहीं गए और अब समय-सीमा पार कर चुके हैं, उन्हें प्रशासनिक रूप से बंद किया जाएगा।

इस राहत का उद्देश्य है:

  • जनता को अनावश्यक चालानों और ब्लॉकों से राहत देना

  • सेवाओं को समय पर और पारदर्शी तरीके से उपलब्ध कराना

  • कानून का सही पालन सुनिश्चित करना

ध्यान दें: टैक्स चालान, गंभीर अपराध, दुर्घटना या आईपीसी से जुड़े मामले इस राहत से बाहर हैं।

समय-सीमा और निगरानी

30 दिनों के भीतर सभी लंबित चालानों का पोर्टल पर निपटारा दिखेगा। हर हफ्ते डैशबोर्ड पर प्रगति रिपोर्ट अपडेट होगी। एनआईसी पोर्टल में आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं ताकि प्रक्रिया सुरक्षित और पारदर्शी बनी रहे।

परिवहन आयुक्त का बयान

परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा, “यह निर्णय कानूनन सही, जन-हितैषी और पारदर्शी प्रशासन की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हमारा लक्ष्य है कि नागरिकों को सुगमता, सुरक्षा और सम्मानजनक सेवा अनुभव मिले। सभी अधिकारी और कर्मचारी तय समय-सीमा में शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें।”