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यूपी भाजपा : जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने से पहले विवाद, कई जिलों की घोषणा रोकी गई

यूपी भाजपा : जिलाध्यक्षों की सूची जारी करने से पहले विवाद, कई जिलों की घोषणा रोकी गई

उत्तर प्रदेश भाजपा में जिलाध्यक्षों की बहुप्रतीक्षित सूची कुछ ही देर में घोषित की जाएगी। हालांकि, राजनीतिक दबाव और आंतरिक मतभेदों के कारण दो दर्जन से अधिक जिलों के अध्यक्षों की घोषणा को फिलहाल रोक दिया गया है। इस स्थिति में 98 जिलों में से लगभग 70 जिलों के ही अध्यक्षों की घोषणा संभव हो पाएगी।

घोषणा से पहले ही जिलों में पहुंचे भाजपा पर्यवेक्षक

प्रदेश भाजपा के चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के निर्देशानुसार, जिन जिलों में चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई है, वहां चुनाव अधिकारी और पर्यवेक्षक रवाना हो चुके हैं। रविवार को दोपहर दो बजे सभी जिलों में जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए जाएंगे। इस अवसर पर हर जिले में एक वरिष्ठ भाजपा नेता या मंत्री भी उपस्थित रहेगा।

संगठनात्मक चुनावों में देरी और चुनौतियां

भाजपा संगठन में आंतरिक चुनाव की प्रक्रिया पिछले साल शुरू हुई थी। पार्टी ने पहले मंडल अध्यक्षों के चुनाव को प्राथमिकता दी, जो जनवरी में ही पूरे हो सके। इसके बाद जिलाध्यक्षों के चुनाव की बारी आई, लेकिन नामों के चयन को लेकर मतभेद उभरने लगे। सूची में पिछड़े वर्ग, दलितों और महिलाओं की भागीदारी कम होने के कारण शीर्ष नेतृत्व ने इसमें संशोधन की मांग की। प्रदेश संगठन मंत्री ने सूची की गहन समीक्षा के बाद उसमें आवश्यक बदलाव किए।

कैमरे की निगरानी में होगी घोषणा

डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि लखनऊ और गाजियाबाद को छोड़कर, जहां जिला और महानगर कार्यालय अलग-अलग हैं, बाकी सभी जिलों में दोपहर दो बजे बैठक होगी। जहां दो कार्यालय हैं, वहां अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन बैठकों में सभी जिला पदाधिकारी, मोर्चा पदाधिकारी, राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के नेता, मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि शामिल होंगे। पूरे आयोजन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश कार्यालय में एक टास्क सेंटर स्थापित किया गया है, जहां से लाइव निगरानी की जाएगी।

अयोध्या समेत कई जिलों में सूची पर रोक

राजनीतिक सहमति न बन पाने के कारण भाजपा ने अयोध्या, अंबेडकरनगर, सीतापुर, झांसी और मेरठ जिलों सहित कई अन्य स्थानों पर जिलाध्यक्षों की घोषणा को स्थगित कर दिया है। मेरठ में जिला अध्यक्ष की घोषणा रोक दी गई है, जबकि महानगर अध्यक्ष का नाम घोषित किया जाएगा। पांच ऐसे जिले भी हैं जहां मंडलीय पदाधिकारियों का चुनाव ही नहीं हो सका, इनमें अयोध्या नगर और ग्रामीण, कानपुर उत्तरी और लखीमपुर शामिल हैं।

नवनियुक्त अध्यक्षों को पहले ही दी जाएगी सूचना

हालांकि जिलाध्यक्षों की आधिकारिक घोषणा कार्यक्रम के दौरान की जाएगी, लेकिन नए अध्यक्षों को पहले ही सूचित कर दिया जाएगा। भाजपा प्रदेश कार्यालय से उन्हें फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। पार्टी ने निर्देश दिया है कि नए और पूर्व जिलाध्यक्षों को मंच पर एक साथ उपस्थित रहना होगा।

भाजपा की इस पूरी प्रक्रिया पर पार्टी के शीर्ष नेता बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। अब देखना होगा कि जिन जिलों में विवाद के कारण घोषणा रोकी गई है, वहां कब तक सहमति बनती है।