योगी कैबिनेट ने नई आबकारी नीति को दी मंजूरी, अब शराब की दुकानों पर होंगे ये बदलाव

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक आयोजित की गई, जिसमें वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए आबकारी नीति समेत 11 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस नीति में प्रमुख रूप से मदिरा की फुटकर बिक्री के लिए कम्पोजिट दुकानों की स्थापना, ई-लाटरी के माध्यम से दुकानों का व्यवस्थापन, और देशी और विदेशी मदिरा की नई श्रेणियां निर्धारित करने का प्रस्ताव शामिल है।
नए प्रावधान और संशोधन
आबकारी नीति के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में विदेशी मदिरा, बीयर, वाइन और एल.ए.बी की फुटकर बिक्री के लिए कम्पोजिट दुकानों का गठन किया जाएगा। इसके अलावा, देशी मदिरा दुकानों और मॉडल शॉप्स का व्यवस्थापन भी ई-लाटरी के माध्यम से किया जाएगा। वर्ष 2024-25 के मुकाबले इस साल देशी मदिरा की नई श्रेणियां प्रस्तावित की गई हैं, जिनमें 36% और 25% ए.एन.ए. आधारित मसाला और सुवासित मदिरा शामिल हैं।
महत्वपूर्ण वित्तीय बदलाव
इसके अलावा, प्रीमियम रिटेल वेण्ड दुकानों का अनुज्ञापन वर्ष 2025-26 के लिए निर्धारित देयताओं के अधीन नवीनीकरण किया जाएगा। देशी मदिरा की दुकानों के एम.जी.क्यू. में 10 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है, और इन दुकानों की बेसिक लाइसेंस फीस भी निर्धारित की गई है।
आबकारी आयुक्त को मिले अधिकार
आबकारी आयुक्त को कम्पोजिट दुकानों के लिए दुकानों का सृजन करने का अधिकार दिया जाएगा, जिससे शासन की अनुमति से नई दुकानों का निर्माण किया जा सकेगा।
आर्थिक वृद्धि और अनुमानित राजस्व
उत्तर प्रदेश सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 60,000 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा है।
प्रसंस्करण शुल्क और ऑनलाइन प्रबंधन
ऑनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा, जिससे मदिरा के परिवहन पासों और अन्य अनुज्ञापनों के लिए प्रसंस्करण शुल्क के रूप में 7500 रुपये शुल्क लिया जाएगा।
आगे की प्रक्रिया में इन प्रस्तावों को सरकारी नीति के रूप में लागू किया जाएगा, जो राज्य की आबकारी व्यवस्था को अधिक सुसंगत और पारदर्शी बनाएगी।
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